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सोमवार, 2 जून, 2025
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बांग्लादेश के नए नोटों पर अब मुजीबुर रहमान की जगह मंदिर और ऐतिहासिक धरोहर लेंगे

बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने कहा कि नोटों पर किसी मानव का चित्र नहीं होगा, केवल विरासत को दर्शाया जाएगा.

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नई दिल्ली: बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के अंतरिम प्रशासन के तहत, देश के संस्थापक और निर्वासित नेता शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर नए करेंसी नोटों से हटा दी है.

नए नोटों पर अब देश की विरासत से जुड़े चिन्ह दिखाई देंगे, जैसे मंदिर, मठ, ऐतिहासिक इमारतें और मशहूर बांग्लादेशी कलाकार जैनुल आबेदीन की कलाकृतियां.

बांग्लादेश बैंक ने ईद से पहले नए डिज़ाइन वाले 20 टका, 50 टका और 1,000 टका के नोट जारी किए हैं. बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान ने एएफपी को बताया, “नई सीरीज और डिज़ाइन में नोटों पर किसी व्यक्ति की तस्वीर नहीं होगी, बल्कि प्राकृतिक दृश्यों और पारंपरिक स्थलों को दिखाया जाएगा.”

20 टका के नोट पर दिनाजपुर का कांतजी मंदिर और पहाड़पुर मठ है. 50 टका के नोट पर ढाका का अहसन मंज़िल और जैनुल आबेदीन की अकाल काल की एक पेंटिंग है. बैंगनी रंग के 1,000 टका के नोट पर राष्ट्रीय शहीद स्मारक और जातीय संसद भवन की छवियां हैं. सभी नोटों में रॉयल बंगाल टाइगर का वॉटरमार्क और बैंक का मोनोग्राम है.

ये नए डिज़ाइन तब लाए गए हैं जब शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर वाले नोटों को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था. पिछली ईद पर परंपरा के बावजूद कोई नया नोट जारी नहीं किया गया था. जुलाई में हुए विरोध और पूर्व प्रधानमंत्री हसीना की विदाई के बाद केंद्रीय बैंक ने शेख मुजीब की तस्वीर वाले पुराने नोटों को सर्कुलेट करने से वाणिज्यिक बैंकों को रोक दिया था.

केंद्रीय बैंक का कहना है कि नए डिज़ाइन का उद्देश्य जालसाजी को रोकना है और ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के ज़रिए राष्ट्रीय पहचान को दर्शाना है. पुराने नोट जिन पर मुजीब की तस्वीर है, और वर्तमान सिक्के, अभी भी कानूनी रूप से मान्य रहेंगे, दि डेली स्टार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा.

प्रतीकात्मक परिवर्तन

मुद्रा के नए डिज़ाइन को अंतरिम प्रशासन द्वारा किए गए प्रतीकात्मक बदलावों की एक कड़ी के रूप में देखा जा रहा है.

ऐसे ही बदलाव शिक्षा क्षेत्र में भी सामने आए हैं. नेशनल करिकुलम एंड टेक्स्टबुक बोर्ड (NCTB) ने 2025 के शैक्षणिक वर्ष के लिए 441 पाठ्यपुस्तकों की सामग्री में बदलाव किया है, जिसमें मुजीब की बांग्लादेश की स्वतंत्रता में भूमिका का ज़िक्र हटाया गया है या बदला गया है. कुछ नई किताबों में अब देश की आज़ादी की घोषणा का श्रेय जनरल जियाउर रहमान को दिया गया है, जो दशकों पुराने आधिकारिक दृष्टिकोण से बिल्कुल अलग है. दि डेली स्टार के अनुसार, 40 करोड़ से अधिक अपडेटेड किताबें पहले ही देशभर के छात्रों को वितरित की जा चुकी हैं.

 

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