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Monday, 18 November, 2024
होमविदेशअफगानिस्तान में शादी से पहले संबंध बनाने के आरोप में तालिबान ने प्रेमी जोड़े को सरेआम कोड़ों से पीड़ा

अफगानिस्तान में शादी से पहले संबंध बनाने के आरोप में तालिबान ने प्रेमी जोड़े को सरेआम कोड़ों से पीड़ा

तालिबान सुप्रीमो मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा ने पहले अदालत के न्यायाधीशों के साथ एक बैठक में कहा कि उन्हें इस्लामी कानून के अनुसार हद्द और किसास दंड देने में संकोच नहीं करना चाहिए.

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नई दिल्ली: अफगानिस्तान में खामा प्रेस ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि बामियान प्रांत में तालिबान के अधिकारियों ने शुक्रवार को एक लड़के और एक लड़की को शादी से पहले संबंध बनाने के लिए सरेआम मार पिटाई की.

इससे पहले, अफगानिस्तान में बामियान प्रांत की एक स्थानीय अदालत ने 17 नवंबर को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने का आदेश दिया था. अरेजू और मोहम्मद एसा को कथित तौर पर प्रेम में होने और विवाह पूर्व संबंध बनाने के कारण उनतालीस सार्वजनिक कोड़ों की सजा सुनाई गई थी. खामा प्रेस के अनुसार, जब युगल को सार्वजनिक रूप से दंडित किया जा रहा था, तब लगभग 1 हजार लोग इस मामले के गवाह बने थे.

दंपति ने आकस्मिक कारणों से बामियान की यात्रा की थी इसी दौरान उन्हें तालिबान के अधिकारियों ने जबरन हिरासत में ले लिया था.

खामा प्रेस के अनुसार, तालिबान सुप्रीमो मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा ने पहले अदालत के न्यायाधीशों के साथ एक बैठक में कहा कि उन्हें इस्लामी कानून के अनुसार हद्द और किसास दंड देने में संकोच नहीं करना चाहिए.

हद्द अपराध के लिए इसमें हाथ और पैर काटना, कोड़े मारना और मृत्यु देने जैसे दंड शामिल हैं और क्यूसा के तहत जिस व्यक्ति ने अपराध किया है या वो जिस जनजाति से संबंधित है, उसे उसी तरह से दंडित किया गया है जैसे अपराध किया गया था, जैसे आंख के बदले आंख. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से इसी तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं.

ऐसी ही एक घटना अफगानिस्तान के घोर प्रांत में हुई. 16 अक्टूबर को तालिबान द्वारा सार्वजनिक रूप से पत्थर मारने की योजना बनाने से ठीक पहले एक लड़की ने आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उसे एक आदमी के साथ घर से भागने का दोषी पाया गया था. जिस शख्स के साथ वह भागी थी, उसे इसी साल 13 अक्टूबर को फांसी दे दी गई थी.

इतना ही नहीं, अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति भी बिगड़ी है. इससे पहले, अफगान एविएशन अथॉरिटी के पूर्व प्रमुख महमूद शाह हबीबी ने हाल ही में अफगानिस्तान की यात्रा की थी और इस साल 10 अगस्त से लापता हैं.

तालिबान के कब्जे के बाद देश की लड़कियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी खराब हुई है.

ब्रेकिंग पॉइंट: लाइफ फॉर चिल्ड्रन वन इयर्स सिंस द तालिबान टेकओवर नाम से एक रिपोर्ट बताती है कि 97 प्रतिशत परिवार अपने बच्चों के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और लड़कियां लड़कों की तुलना में कम खा रही हैं.


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