नई दिल्ली: भारत के 185 मिलियन मुसलमान भले ही उनकी भाषा और पहनावा, खान-पान अलग-अलग हो लेकिन हमारी एक साझी संस्कृति में एक है. यही वजह है कि हमारे देश में चरमपंथी सोच पैर नहीं पसार सकी है. इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी में हिस्सा लेने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शुक्रवार सुबह आबूधाबी पहुंची. स्वराज इस कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि शरीक हो रही हैं. आईओसी में सभा को संबोधित करते हुए सुषमा ने पाकिस्तान पर निशाना साधा.
सम्मेलन में बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होते हुए भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि आफगानिस्तान, बंग्लादेश और मालदीव जैसे पड़ोसी देशों से भारत के अच्छे संबंध हैं और हमारी एक साझा विरासत है. लेकिन अपने भाषण में उन्होंने पड़ोसी देश पाकिस्तान का नाम तक नहीं लिया. उन्होंने अपने पूरे भाषण के दौरान आतंकवाद का मुद्दा जमकर उठाया.
कुरान से लेकर ऋग्वेद तक के संदेश पढ़े, जो बताता है कि ‘हम सब एक हैं.’ उन्होंने गुरुनानक देव की एक चौपाई भी पढ़ी: अवलअल्लाह,नूर उपाया, कुदरत के सब बंदे, एक नूर से सब जग उपजया कौन भले कौ मंदे
इसी दौरान उन्होंने यह बात साफ तौर पर कही कि आतंकवाद का किसी धर्म से कोई लेना देना नहीं है. सुषमा ने कहा कि दुनिया भर में आतंकवाद से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. ‘धर्म का इस्तेमाल दुष्प्रचार, आतंकवाद के लिए किया जा रहा है.’
‘इस्लाम धर्म शांति का धर्म है.’ अगर हमें मानवता को बचाना है तो जो देश आतंकवादी संगठनों को शरण देते हैं और उनकी मदद करते हैं उन्हें ऐसा करने से रोकना चाहिए, यह बोलते हुए उनका साफ ईशारा पाकिस्तान की तरफ था, हालांकि अपने पूरे भाषण में उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया.
उनका कहना था आतंकवाद का खात्मा केवल कूटनीति, राजनयिक और सैन्य कार्रवाई से संभव नहीं है. इसके लिए जरूरत है कि देश, धर्म, समाज और परिवार सभी आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाएं.
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के विदेशमंत्री भारतीय विदेश मंत्री को विशिष्ट अतिथि का दर्जा दिए जाने पर आपति जाहिर की है. इसी के विरोध में पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इसमें शामिल नहीं हों रहे हैं.
पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बुधवार को कहा कि वह इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की अबुधाबी में प्रस्तावित बैठक में भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज की मौजूदगी के कारण हिस्सा नहीं लिया है. सुषमा को सम्मेलन में ‘विशेष अतिथि’ के रूप में शिरकत करने का आमंत्रण दिए जाने से नाराज हैं.
कुरैशी ने कहा, ‘मैंने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेशमंत्री से बात की है और सुषमा स्वराज को आमंत्रित किए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. मैंने अपना रुख साफ कर दिया है कि भारत ने आक्रामकता दिखाई है.’
उन्होंने कहा, ‘मौजूदा हालात में मेरा ओआईसी की बैठक में शामिल होना संभव नहीं होगा, जहां सुषमा स्वराज मौजूद रहेंगी.’
पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सबसे बड़े आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर मंगलवार को भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमले के बाद पाकिस्तानी विदेशमंत्री ने यह बातें कही हैं.