scorecardresearch
Tuesday, 3 December, 2024
होमविदेश'बच्चों को मारना बंद करो'- फ़िलिस्तीनी समर्थकों का युद्धविराम के लिए अमेरिका, लंदन, बर्लिन में प्रदर्शन

‘बच्चों को मारना बंद करो’- फ़िलिस्तीनी समर्थकों का युद्धविराम के लिए अमेरिका, लंदन, बर्लिन में प्रदर्शन

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 7,000 फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क में ब्रुकलिन ब्रिज पर मार्च निकाला.

Text Size:

वाशिंगटन : रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, फ़िलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को लंदन, बर्लिन और रोम में इज़राइल-हमास युद्धविराम का आह्वान करने के लिए प्रदर्शन किया।

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 7,000 फ़िलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क में ब्रुकलिन ब्रिज पर मार्च निकाला.

प्रदर्शनकारी हाथ में बैनर, फ़िलिस्तीन झंडे “फ़िलिस्तीन को मुक्त करो” जैसे नारे लगा रहे थे. रॉयटर्स द्वारा कैप्चर किए गए दृश्यों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने “बच्चों को मारना बंद करो”, “फिलिस्तीन की आजादी” और “गाज़ा पर बमबारी बंद करो” जैसे नारे लिखे हुए तख्तियां ले रखी थीं.

रॉयटर्स ने बताया, लंदन में प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, “मेरा डर यह है कि अब कोई फ़िलिस्तीनी नहीं बचेगा. फिलहाल, अभी आजाद फ़िलिस्तीन नहीं, यह फ़िलिस्तीन को बचाने की बात है. मेरा डर यह है कि उनका अस्तित्व ख़त्म हो जाएगा.”

गाज़ा के लिए तीन मील का फ्लड ब्रुकलिन मार्च क्राउन हाइट में ब्रुकलिन संग्रहालय के सामने दोपहर 3 बजे (स्थानीय समय) शुरू हुआ. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नगर में मार्च के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने इज़रायल पर हमास के आतंकवादियों के हमलों के लिए खुलेआम तारीफ की.

क्वींस के 24 वर्षीय प्रदर्शनकारी ड्यूरियन ने कहा, “किसी भी तरह से आजादी मिले, किसी भी तरह से अपनी जमीन पर वापस आओ.” न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि इज़रायल के सेटल होने वाले राज्य खत्म किए जाएं.”

प्रदर्शनकारियों ने “नदी से समुद्र तक, फ़िलिस्तीन आज़ाद होगा” जैसे नारे लिखी तख्तियां ले रखी हैं. उत्तर की ओर बार्कलेज़ सेंटर की ओर रेज़ली फ़्लैटबैश एवेन्यू और फिर ब्रुकलिन ब्रिज एक साथ जुड़े हैं, जिससे शाम 6 बजे (स्थानीय समय) मैनहट्टन की ओर के आसपास बाधा पैदा हुई क्योंकि उनमें से कुछ ने बैरियर को तोड़ दिया और फ़िलिस्तीन झंडा लहराए.

पुलिसकर्मियों ने एहतियात के तौर पर ब्रुकलिन की ओर जाने वाले रास्ते पर यातायात की आवाजाही बंद कर दी. इससे पहले, एक अन्य प्रदर्शनकारी मैरी एडवर्ड ने इज़रायलियों पर असली “हत्यारे” होने का आरोप लगाया और 7 अक्टूबर को हमास की कार्रवाई का बचाव किया.

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और इज़रायल का झंडा लिए एक विरोधी-प्रदर्शनकारी ने नारा लगाया, “मैं जीवन, शांति और प्रेम के साथ खड़ा हूं.” मार्च करने वालों ने उसे आतंकवादी कहा.

रैली से पहले, ब्रुकलिन डेमोक्रेट के पूर्व सिटी काउंसिलमैन डेविड ग्रीनफील्ड, जो अब यहूदी गरीबी पर मेट्रोपॉलिटन काउंसिल के प्रमुख हैं, ने क्राउन हाइट्स में शबात पर इज़रायल विरोधी प्रदर्शन करने पर प्रदर्शन के प्रायोजकों की आलोचना की, जहां कि हसीदिक यहूदियों की एक बड़ी आबादी रहती है.

विशेष रूप से, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद इज़रायल ने हमास के खिलाफ जवाबी हमला शुरू किया है. इज़रायल ने हमास को नष्ट करने की कसम खाई है.

द टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि हमास के खिलाफ युद्ध का दूसरा चरण शुक्रवार रात गाज़ा में और अधिक जमीनी बलों के प्रवेश के साथ शुरू हुआ है.

द टाइम्स ऑफ़ इज़राइल ने रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इज़रायल का लक्ष्य “हत्यारे दुश्मन को हराना और अपनी जमीन पर अपना वजूद सुनिश्चित करना है. उनका बयान इज़रायल रक्षा बलों के प्रमुख के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना वर्तमान में गाज़ा पट्टी में जमीनी कार्रवाई कर रही है, जो युद्ध के सारे मकसद हासिल करने के लिए काम कर रही है.

नेतन्याहू ने कहा कि सैनिक यहूदी योद्धाओं की उस विरासत का हिस्सा हैं जो 3000 साल पुरानी है. उन्होंने कहा कि उनका एक ही लक्ष्य है, “हत्यारे दुश्मन को हराना और अपनी धरती पर अपना वजूद सुनिश्चित करना.”

द टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, तेल अवीव में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इज़रायल युद्ध के लक्ष्य साफ हैं – “हमास की सेना और शासन क्षमताओं को नष्ट करना; और बंधकों को घर लौटाना.” उन्होंने कहा कि जमीनी युद्ध करने का निर्णय वार कैबिनेट और सेक्योरिटी कैबिनेट की सर्वसम्मति से लिया गया था.

उन्होंने कहा, “दुश्मन के इलाके में लड़ रहे हमारे कमांडर और सैनिक जानते हैं कि देश और राष्ट्रीय नेतृत्व उनके पीछे खड़ा है.” उन्होंने कहा कि जिन सैनिकों से वह मैदान में मिले हैं, वे 7 अक्टूबर को हमास को उसके कार्यों की कीमत  चुकता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.


यह भी पढे़ं : महंगाई का 4 फीसदी का लक्ष्य जब चार साल में पूरा न किया जा सका तो उसे फिर क्यों दोहराएं


 

share & View comments