कोलंबो, 30 मई (भाषा) श्रीलंका के आव्रजन अधिकारियों ने 75 वर्षीय एक श्रीलंकाई तमिल व्यक्ति को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह भारत के एक शरणार्थी शिविर से जाफना लौटा।
देश की प्रमुख तमिल पार्टी ने शुक्रवार को यह दावा किया।
तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) के सदस्य एम ए सुमंथिरन ने एक बयान में बताया कि यह व्यक्ति भारत में स्थित एक शरणार्थी शिविर से लौट रहा था और उसे संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) द्वारा शरणार्थी के रूप में प्रमाणित किया गया था।
उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति को जाफना स्थित पलाली हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने हिरासत में लिया और फिर आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा उसे उत्तरी प्रांत की मल्लाकम मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया जहां अदालत ने उसे पांच जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सुमंथिरन ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या सरकार का यह कदम उन 10,000 अन्य शरणार्थियों को डराने के लिए है जिन्होंने स्वदेश वापसी के लिए पंजीकरण कराया है?”
अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2022 में भारत के 100 से अधिक शिविरों में 58,000 से अधिक श्रीलंकाई शरणार्थी रह रहे थे।
ये शरणार्थी 1980 के दशक में श्रीलंका के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में सशस्त्र संघर्ष से बचने के लिए तमिलनाडु गये थे।
संघर्ष वर्ष 2009 में समाप्त हुआ और 2015 से शरणार्थियों की स्वैच्छिक वापसी शुरु हुई। यूएनएचसीआर स्वैच्छिक वापसी की प्रक्रिया में सहायता कर रहा है।
भाषा राखी नरेश
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