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Sunday, 6 October, 2024
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श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे कार्यभार संभालने के बाद पहली बार अल्पसंख्यक तमिल नेताओं से मिले

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कोलंबो, 25 मार्च (भाषा) श्रीलंका के सबसे प्रमुख तमिल राजनीतिक समूह के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के करीब दो साल बाद गोटबाया राजपक्षे ने पहली बार शुक्रवार को टीएनए के नेताओं से मुलाकात की।

राजपक्षे के नवंबर, 2019 में पदभार संभालने के बाद उनके और तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के बीच नवंबर, 2019 से ही मुलाकात संभव नहीं हो पा रही है।

राष्ट्रपति से मिलने और द्वीपीय देश के उत्तरी तथा पूर्वी हिस्सों में तमिल लोगों के समक्ष आ रही समस्याओं पर चर्चा करने के लक्ष्य से टीएनए के सांसदों के एक समूहों ने पिछले महीने राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया था।

नवंबर, 2019 में राजपक्षे के राष्ट्रपति बनने के बाद टीएनए ने कई बार राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। कम से कम दो अवसरों पर अंतिम समय में बिना कारण बताए मुलाकात रद्द कर दी गई, और तमिल नेताओं को मजबूरन प्रदर्शन करना पड़ा।

टीएनए चाहता है कि संविधान का 13वां संशोधन देश के तमिल अल्पसंख्यकों की राजनीतिक चिंताओं को दूर करने के लिहाज से ‘अर्थपूर्ण’ हो।

श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति जे. आर. जयवर्धन और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बीच 1987 में हुई भारत-श्रीलंका संधि के कारण संविधान में 13वां संशोधन हुआ।

यह श्रीलंका में तमिल अल्पसंख्यकों को कुछ अधिकार प्रदान करता है।

भाषा अर्पणा उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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