नई दिल्ली: गुरुवार को श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफा अभी तक नहीं मिला है. श्रीलंकाई अध्यक्ष के कार्यालय ने यह जानकारी साझा की है.
कोलंबो में श्रीलंका के प्रधानमंत्री कार्यालय के परिसर में घुसने के बाद भी प्रदर्शनकारी अभी भी वहां मौजूद हैं. जिसे देखते हुए श्रीलंकाई सैन्यकर्मी कोलंबो में पीएम कार्यालय में प्रधानमंत्री की कुर्सी की रक्षा कर रहे हैं.
#WATCH | Sri Lankan military personnel guard the Prime Minister's chair in his office in Colombo, in view of the #SriLankaProtests pic.twitter.com/kd9L7Fevm8
— ANI (@ANI) July 14, 2022
श्रीलंकाई अधिकारियों ने गुरुवार को पश्चिमी प्रांत में राजधानी में हिंसा भड़कने के बाद लगाए गए कर्फ्यू को हटा लिया. वहीं राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे मालदीव से सिंगापुर जाने के लिए विमान का इंतिजार कर रहे हैं.
गोटबाया राजपक्षे मालदीव में हैं और उन्हें वहां से सिंगापुर जाना था लेकिन सुरक्षा कारणों से वह सिंगापुर एयरलाइन के विमान पर सवार नहीं हो सके. ‘डेली मिरर’ की खबर के अनुसार, राजपक्षे, उनकी पत्नी लोमा और दो सुरक्षा अधिकारी बुधवार रात को माले से उड़ान संख्या ‘एसक्यू 437’ के जरिये सिंगापुर के लिये रवाना होने वाले थे लेकिन सुरक्षा कारणों से वे विमान पर सवार नहीं हुए
उन्होंने बुधवार को इस्तीफा देने की घोषणा की थी पर देश छोड़ने के कुछ घंटों बाद ही उन्होंने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बना दिया था जिससे राजनीतिक संकट गहरा गया है और सरकार विरोधी प्रदर्शन और उग्र हो गया है.
संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्द्धने ने कहा कि राजपक्षे ने रानिल विक्रमसिंघे को तब तक राष्ट्रपति का दायित्व निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया है जब तक वह बाहर हैं.
यह भी पढ़ें : BRICS पश्चिम विरोधी एजेंडे की जगह नहीं, भारत ध्यान रखे कि चीन गलत फायदा न उठा ले
यूएन और अमेरिका का आह्वान
उधर, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने श्रीलंका संकट पर कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि संघर्ष के मूल कारणों और प्रदर्शनकारियों की शिकायतों का समाधान किया जाए.
उन्होंने कहा कि मैं सभी पार्टी नेताओं से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए समझौते की भावना को अपनाने का आग्रह करता हूं.
वहीं, श्रीलंका में अशांति के बीच, श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत, जूली चुंग ने देश के संवैधानिक ढांचे के अनुसार सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका हिंसा की निंदा करता है और संकट में कानून के शासन को बनाए रखने का आह्वान करता है.
हम सभी हिंसा की निंदा करते हैं और कानून के शासन को बनाए रखने का आह्वान करते हैं.
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा,’ एसएल के लोकतांत्रिक और संवैधानिक ढांचे के भीतर सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण करना अहम है, इसलिए लोगों की जवाबदेही, पारदर्शिता, लोकतांत्रिक शासन और एक की मांग है. बेहतर भविष्य को साकार किया जा सकता है.’
जूलि चुंग ने श्रीलंका की पार्टियों से आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता लाने का आग्रह किया है.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘हम सभी दलों से देश की बेहतरी के लिए प्रतिबद्धता के साथ इस मोड़ पर पहुंचने, आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता लाने वाले समाधान करने के लिए तेजी से काम करने का आग्रह करते हैं.’
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, जो बुधवार को मालदीव भाग गए थे जिसके बाद द्वीप राष्ट्र के आर्थिक पतन के कारण विद्रोह हुआ था.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री और मौजूदा कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
भाषा के इनपुट से
यह भी पढ़ें- जाति-विरोधी सिनेमा के लिए मिसाल मराठी फिल्म जयंती, मुख्य भूमिका में OBC, आंबेडकर और शिवाजी की किताबें