लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भीड़ ने शुक्रवार को श्रीलंका के एक नागरिक की कथित तौर पर ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी और फिर उसके शव को जला दिया.
पंजाब पुलिस के एक अधिकारी बताया कि यहां से करीब सौ किलोमीटर दूर सियालकोट जिले की एक कपड़ा फैक्ट्री में प्रियंता कुमारा महाप्रबंधक के तौर पर काम करते थे.
अधिकारी ने बताया, ‘कुमारा ने कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के एक पोस्टर को कथित तौर पर फाड़ दिया था जिसमें कुरान की आयतें लिखी थीं और फिर उसे कचरे के डिब्बे में फेंक दिया. इस्लामी पार्टी का पोस्टर कुमारा के कार्यालय के पास की दीवार पर चिपकाया गया था. फैक्ट्री के कुछ कर्मियों ने उन्हें पोस्टर हटाते हुए देखा और फैक्टरी में यह बात बताई.’
‘ईशनिंदा’ की घटना को लेकर आसपास के सैकड़ों लोग फैक्टरी के बाहर इकट्ठा होने लगे. उनमें से अधिकतर टीएलपी के कार्यकर्ता एवं समर्थक थे.
अधिकारी ने बताया, ‘भीड़ ने संदिग्ध (श्रीलंकाई नागरिक) को फैक्टरी से बाहर खींचा और उससे बुरी तरह मारपीट की. मारपीट के बाद जब उसकी मौत हो गई तो भीड़ ने पुलिस के पहुंचने से पहले उसके शव को जला दिया.’
सोशल मीडिया पर कई वीडियो जारी हुए जिसमें दिख रहा है कि श्रीलंकाई नागरिक के शव को घेरे सैकड़ों लोग खड़े हैं. वे टीएलपी के समर्थन में नारे लगा रहे थे.
इमरान खान की सरकार ने हाल में टीएलपी के साथ गुप्त समझौता करने के बाद इस कट्टरपंथी संगठन से प्रतिबंध हटा लिया था. समझौते के बाद संगठन के प्रमुख साद रिजवी और 1500 से अधिक कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा कर दिया गया जो आतंकवाद के आरोपों में बंद थे.
शुक्रवार देर शाम, पंजाब पुलिस ने कहा कि उन्होंने वीडियो फुटेज के जरिये 100 संदिग्धों की पहचान करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) राव सरदार अली खान ने एक बयान में कहा, ‘हमने श्रीलंकाई नागरिक की हत्या में कथित रूप से शामिल 100 संदिग्धों को आतंकवाद और अन्य आरोपों के तहत गिरफ्तार किया है.’
उन्होंने कहा, ‘और गिरफ्तारियां की जा रही हैं और इस घटना में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.’
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने एक ट्वीट में कहा, ‘हम जांच कर रहे हैं. फरहान इदरीस नाम के मुख्य अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया है. 100 अन्य हिरासत में हैं.’
इस घटना की सभी वर्गों ने व्यापक निंदा की है.
प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक ट्वीट में कहा, ‘सियालकोट में एक फैक्टरी पर भीषण हमला और श्रीलंकाई प्रबंधक को जिंदा जलाना पाकिस्तान के लिए शर्म का दिन है. मैं जांच की निगरानी कर रहा हूं और सभी जिम्मेदार लोगों को कानून के तहत सख्त सज़ा दी जाएगी. गिरफ्तारियां जारी हैं.’
The horrific vigilante attack on factory in Sialkot & the burning alive of Sri Lankan manager is a day of shame for Pakistan. I am overseeing the investigations & let there be no mistake all those responsible will be punished with full severity of the law. Arrests are in progress
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) December 3, 2021
इस बीच, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ट्वीट किया, ‘सियालकोट की घटना निश्चित रूप से बहुत दुखद और शर्मनाक है, और किसी भी तरह से धार्मिक नहीं है.’
कोलंबो में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सुगेश्वर गुणरत्ने ने बताया कि इस्लामाबाद में उनका दूतावास पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ घटना के विवरण की पुष्टि कर रहा है. उन्होंने कहा कि श्रीलंका को उम्मीद है कि पाकिस्तान के अधिकारी जांच और न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे.
धार्मिक सौहार्द पर प्रधानमंत्री खान के विशेष प्रतिनिधि मौलाना ताहिर अशरफी ने कहा कि ईशनिंदा के आरोप में फैक्ट्री प्रबंधक की हत्या ‘दुखद’ एवं ‘निंदनीय’ है. अशरफी ने कहा, ‘सियालकोट में जिन लोगों ने श्रीलंकाई प्रबंधक की हत्या की उन्होंने गैर इस्लामी, अमानवीय कृत्य किया है.’
घटना की निंदा करते हुए वैश्विक मानवाधिकार निगरानी संस्था एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है.
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