कोलंबो, 10 फरवरी (भाषा) श्रीलंका सरकार ने बृहस्पतिवार को अपने विवादास्पद आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन के लिए संसद में विधेयक पेश किया । इस कानून के कठोर प्रावधानों के लिए वैश्विक स्तर पर इसकी आलोचना हुयी थी ।
विदेश मंत्री जी एल पेइरिज ने आतंकवाद रोकथाम अधिनियम (पीटीए) संशोधन विधेयक पेश किया । इसमें बंदियों के लिए जमानत की अनुमति देने के लिए एक नई धारा जोड़ने, नजरबंदी की अवधि में कमी, मजिस्ट्रेटों को हिरासत के स्थानों का दौरा करने की अनुमति देने सहित कई बदलावों का प्रस्ताव है।
प्रस्तावित विधेयक में वकीलों को बंदियों तक पहुंच दी जाएगी और पीटीए के तहत हिरासत में लिए गए लोगों को अपने रिश्तेदारों के साथ संवाद करने की भी अनुमति दी जाएगी।
विधेयक पेश करते हुए पेइरिज ने कहा कि इस पर संसद में बहस होगी और इसे अदालत में चुनौती भी दी जा सकती है।
मंत्री ने कहा कि ‘‘सरकार अदालत के फैसले का इंतजार करेगी (यदि विधेयक को चुनौती दी जाती है) और उसके बाद मामले में पूरी चर्चा होगी।’’
श्रीलंका पर यूरोपीय संघ का दबाव है कि वह कठोर पीटीए में सुधार करे, जिसमें बिना किसी आरोप के 90 दिनों तक हिरासत में रखे जाने का प्रावधान है ।
गलवार को ब्रसेल्स में आयोजित यूरोपीय संघ-श्रीलंका 24 वें संयुक्त आयोग की बैठक में, यूरोपीय संघ ने पीटीए में संशोधन के लिए कोलंबो की कार्रवाई का स्वागत किया ।
श्रीलंका सरकार ने 27 जनवरी को एक गजट अधिसूचना द्वारा पीटीए में संशोधन की घोषणा की थी ।
यूरोपीय संघ श्रीलंका का सबसे बड़ा निर्यात भागीदार है जिसके बाद अमेरिका और भारत का स्थान आता है।
भाषा रंजन रंजन उमा
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