कोलंबोः मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका की एक स्थानीय कोर्ट ने महिंदा राजपक्षा के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि राजपक्षा ने हाल ही में प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया है.
इसके अलावा महिंदा राजपक्षा के बेटे और पूर्व मंत्री नमल राजपक्षा, जॉन्स्टन फर्नांडो, पवित्रा वानीराच्छी, सीबी रत्नायके, सनथ निशांत इत्यादि के भी बाहर जाने पर रोक लगी है.
नमल राजपक्षा ने एक ट्वीट में कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से मैं सोमवार को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में हो रही जांच में पूरा सहयोग करूंगा. न ही मेरा और न ही मेरे पिता का देश के बाहर जाने का कोई इरादा है.’
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘रोक फोर्ट मजिस्ट्रेट के द्वारा एक एप्लीकेशन दिए जाने के बाद लगाई गई है. एप्लीकेश बार एसोसिएशन ऑफ श्रीलंका और सोमवार को कोलंबो में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमले से पीड़ित पार्टी के समर्थन से श्रीलंका के एटर्नी जनरल द्वारा दिया गया था.’
गाले फेस प्रोटेस्ट के दौरान हिंसक झड़प के बाद सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए जिसकी वजह से पूरे देश में कर्फ्यू लगाना पड़ा. कर्फ्यू के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने वालों को मौके पर गोली मार देने का आदेश जारी कर दिया गया.
इस्तीफा देने के एक दिन बाद महिंदा राजपक्षा और उनके परिवार के कुछ सदस्यों को त्रिंकोमाली नवल बेस पर शिफ्ट कर दिया गया है.
आजादी के बाद से श्रीलंका पहली बार घोर आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है जिससे खाने-पीने के सामानों में कमी हो रही है और बिजली की कटौती के साथ ही दाम भी बढ़ रहे हैं जिसकी वजह से देश में काफी बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
इस मंदी का मूल कारण फॉरेन एक्सचेंज की कमी बताया जा रहा है जो कि कोविड-19 के कारण टूरिजम में गिरावट और श्रीलंका को 100 फीसदी ऑर्गेनिक कृषि वाला देश बनाने के लिए केमिकल फर्टिलाइजर पर रोक लगाने जैसी खराब नीतियों को बताया जा रहा है.
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