कोलंबो, छह जून (भाषा)भारत और श्रीलंका ने अपने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया और इस दौरान विशेष रूप से समुद्री सुरक्षा पर चर्चा की गई। श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
मंत्रालय के मुताबिक, बृहस्पतिवार को कोलंबो में श्रीलंका-भारत रक्षा संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
भारत और श्रीलंका द्वारा पांच अप्रैल को रक्षा साझेदारी को लेकर पहली बार समझौता किये जाने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बैठक थी।
रक्षा मंत्रालय की ओर से यहां जारी बयान में कहा गया कि श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव एयर वाइस मार्शल संपत तुयाकोंथा (सेवानिवृत्त) ने किया, जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में वार्ता में हिस्सा लिया।
बयान में कहा गया, ‘‘उच्च स्तरीय वार्ता में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने, समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और प्रशिक्षण एवं रणनीतिक भागीदारी में सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर ध्यान केंद्रित किया गया।’’
इसमें कहा गया कि दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों ने चर्चा में हिस्सा लिया और श्रीलंका तथा भारत के बीच दीर्घकालिक रक्षा साझेदारी की प्रतिबद्धता दोहराई।
भारतीय रक्षा सचिव ने उप रक्षा मंत्री मेजर जनरल अरुणा जयशेखर (सेवानिवृत्त) और तुयाकोंथा से भी अलग-अलग मुलाकात की।
भारत और श्रीलंका ने पहले रक्षा साझेदारी समझौते पर 5 अप्रैल को हस्ताक्षर किए थे। इसे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुर कुमार दिसानायक के बीच वार्ता के दौरान अंतिम रूप दिया गया था।
इस समझौते से द्वीपीय राष्ट्र में भारतीय शांति सेना के हस्तक्षेप के कारण संबंधों में तनाव आने के लगभग चार दशक बाद द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूती मिली।
भाषा धीरज दिलीप
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