(मानस प्रतिम भुइयां)
(फोटो के साथ)
कोलंबो, पांच अप्रैल (भाषा) श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका के लिए शनिवार को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘मित्र विभूषण’ से सम्मानित किया।
राष्ट्रपति सचिवालय में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने मोदी को यह पुरस्कार प्रदान किया।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘राष्ट्रपति दिसानायके द्वारा ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ से सम्मानित किया जाना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए भी सम्मान की बात है। यह भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता को श्रद्धांजलि है।’’
श्रीलंका का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जिसकी शुरुआत फरवरी 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने की थी।
इससे पहले यह पुरस्कार मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम और दिवंगत फलस्तीनी नेता यासिर अराफात को प्रदान किया जा चुका है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि यह पुरस्कार भारत-श्रीलंका के बीच साझेदारी को मजबूत करने और उसे नया आयाम देने में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका को मान्यता है, विशेष रूप से कुछ वर्ष पहले आर्थिक संकट के दौरान नयी दिल्ली द्वारा कोलंबो को दी गई अभूतपूर्व सहायता।
इसमें एक प्रशस्ति पत्र और एक रजत पदक प्रदान किया जाता है। रजत पदक को गले में पहना जाता है तथा उस पर नौ प्रकार के श्रीलंकाई रत्न लगे होते हैं और कमल, ग्लोब, सूर्य, चंद्रमा तथा चावल के ढेर के प्रतीक अंकित होते हैं।
पदक पर अंकित धर्म चक्र साझी बौद्ध विरासत को दर्शाता है जिसने दोनों देशों की सांस्कृतिक परंपराओं को आकार दिया है।
एक अधिकारी के अनुसार, चावल के ढेरों से सजा पुन कलश या औपचारिक बर्तन समृद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक है।
नवरत्न या नौ कीमती रत्नों को कमल की पंखुड़ियों से घिरे एक ग्लोब के भीतर दर्शाया गया है।
मोदी बैंकॉक की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद कल शाम कोलंबो पहुंचे, जहां उन्होंने बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
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