सिंगापुर: सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने मंगलवार को कोरोनावायरस संक्रमण पर लगाम लगाने के प्रयासों के तहत देश में ‘सर्किट ब्रेकर’ अवधि यानी पूर्ण बंद को एक जून तक बढ़ा दिया और आश्वासन दिया कि उनकी सरकार भारतीय नागरिकों समेत सभी विदेशी कामगारों का पूरा ध्यान रखेगी.
टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री ली ने कहा कि इस जानलेवा वायरस को दूर रखने के लिये सरकार अपना ‘अधिकतम’ करने के लिये प्रतिबद्ध है.
ली ने कोविड-19 और अस्थायी आश्रय स्थलों में रह रहे विदेशी कामगारों में बढ़ते मामलों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘हम सर्किट ब्रेकर को चार और हफ्तों के लिये, यानी एक जून तक बढ़ा रहे हैं.’
सिंगापुर में मंगलवार को कोविड-19 के 1,111 मामले सामने आए जिनमें से अधिकतर मरीज अस्थायी आश्रय स्थलों में रहने वाले विदेशी कामगार हैं. देश में अब तक 9,125 लोग संक्रमित हो चुके हैं.
कामकाज और व्यापार पर इसका एक हद तक असर पड़ने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे उम्मीद है कि आप समझेंगे कि यह कुछ समय की परेशानी, इस वायरस को उखाड़ फेंकने पर मुहर होगी और हमारे प्रियजनों के स्वास्थ्य व सुरक्षा तथा अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये यह जरूरी है.’
उन्होंने कहा, ‘सरकार हमारे कारोबारों और कर्मचारियों को सर्किट ब्रेकर की अवधि तक इससे उबरने में मदद करेगी. हम अपने कारोबार और कर्मचारियों को वैसी ही सुविधाएं देते रहेंगे जैसी कि अभी दी जा रही हैं.’
राष्ट्र के नाम पिछला संबोधन ली ने तीन अप्रैल को दिया था जब उन्होंने चार दिन बाद शुरू हुए ‘सर्किट ब्रेकर’ उपायों की घोषणा की थी जिसके तहत वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये लोगों को एक दूसरे से दूरी रखनी थी.
इसके बाद से व्यापक समुदाय में नए मामलों की संख्या में कमी आई थी लेकिन विदेशी कामगारों के अस्थायी आश्रय स्थलों में मामले बीते कुछ हफ्तों में बढ़े हैं ऐसा वहां की भीड़-भाड़ वाली स्थितियों और व्यापक जांच की वजह से हुआ.
विदेशी कामगारों के अस्थायी आश्रय स्थलों में सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे जांच अभियान को रेखांकित करते हुए ली ने कहा कि संक्रमित मिले लगभग सभी प्रवासी कामगारों में सिर्फ बेहद मामूली लक्षण थे.
उन्होंने कहा, ‘यह चौंकाने वाला नहीं है क्योंकि वे सामान्यत: युवा हैं और इसलिये कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार पड़ने की उनकी आशंका कम है.’
ली ने कहा कि प्रवासी कामगारों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिये चिकित्सा संसाधनों को बढ़ाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘हम बुजुर्ग कामगारों पर भी ज्यादा ध्यान देंगे जिन्हें खतरा ज्यादा है. हम उन्हें अलग आश्रय स्थलों में भेज रहे हैं.’
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी सरकार सिंगापुर के लोगों की तरह ही विदेशी कामगारों का भी ध्यान रखेगी.
उन्होंने कहा, ‘हम आप पर ध्यान देंगे जैसे कि हम सिंगापुर के लोगों पर देते हैं. हम आपके स्वास्थ्य की, कल्याण की और आजीविका की देखभाल करेंगे….’
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है और मुस्लिम प्रवासी मजदूरों के लिये इंतजाम किये जाएंगे.
सिंगापुर दक्षिण एशिया में इंडोनेशिया और फिलीपीन को पीछे छोड़ अब, कोविड-19 से सबसे बुरी तरह प्रभावित देश है.