इस्लामाबाद/ नई दिल्ली: गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर करतारपुर साहिब के दर्शन को जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं को पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं रह गई है, एक वैध पहचान पत्र के जरिए ही श्रद्धालू करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगे वहीं श्रद्धालुओं को 10 दिन पहले पंजीयन कराने की भी आवश्यकता नहीं रह गई है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने निजी ट्विटर हैंडल पर सिख श्रद्धालुओं को गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व के मौके पर यह घोषणा की है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि करतारपुर के उद्घाटन के दिन और गुरू नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के दिन कोई शुल्क नहीं लगेगा.
खान ने ट्वीट किया, ‘भारत से करतारपुर आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, केवल पहचान पत्र चाहिए होगा, उन्हें 10 दिन पहले पंजीकरण कराने की आवश्यकता भी नहीं है. उनसे गुरु जी की 550वीं जयंती और उद्घाटन समारोह पर कोई शुल्क भी नहीं वूसला जाएगा.’
For Sikhs coming for pilgrimage to Kartarpur from India, I have waived off 2 requirements: i) they wont need a passport – just a valid ID; ii) they no longer have to register 10 days in advance. Also, no fee will be charged on day of inauguration & on Guruji's 550th birthday
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) November 1, 2019
तीर्थ को आय का साधन न बनाएं
वहीं दूसरी तरफ शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने करतारपुर गलियारे के लिए करीब 1400 रुपये के शुल्क को बहुत ज्यादा बताते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील की है कि वह इस गलियारे को आय का जरिया न बनाएं. यह तीर्थ यात्रा के लिए है. बादल ने कहा कि इसे दोनों देशों के बीच सद्भावना के तौर पर देखा जाना चाहिए.
ननकाना साहिब नहीं जाने देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया
वहीं दूसरी तरफ करतारपुर साहिब को लेकर राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के समारोहों का ‘राजनीतिकरण’ करने को लेकर शिअद पर बृहस्पतिवार को हमला बोला. उन्होंने पार्टी पर इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के संयुक्त उत्सव की उनकी सरकार की योजना को बाधित करने का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री ने पंजाब के मंत्रियों, सांसदों एवं विधायकों को पाकिस्तान के श्री ननकाना साहिब जाने देने के लिए अनुमति/ वीजा नहीं देने को ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया. पंजाब के सहकारी मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गलियारे के उद्घाटन के लिए ‘समानांतर मंच’ निर्माण के केंद्र के फैसले पर आपत्ति जताई.
जयंती समारहों के लिए व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गौरव का अवसर है जिसे उनकी सरकार तुच्छ राजनीतिक विचारों से ऊपर उठकर साथ में मनाना चाहती थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने छोटापन दिखाया है. प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान में पहुंच कर अखंड पाठ रखवाना था. कैप्टन ने कहा कि पाकिस्तान एक तरफ कह रहा है कि वह गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी बना रहे हैं और कॉरिडोर खोल रहे हैं तो उनके 31 लोग पहले ही वफद के रूप में पुख्ता प्रबंध करने के लिए पाकिस्तान चले जाते तो क्या गलत होता. गुरुवार को कॉरिडोर पर पहुंचे सीएम ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से कार्यों की समीक्षा की.
यह बहुप्रतीक्षित गलियारा पंजाब के गुरदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतारपुर स्थित गुरुद्वारे दरबार साहिब से जोड़ता है जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है.
क्यों महत्वपूर्ण है करतारपुर
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने पाकिस्तान के करतारपुर में रावी नदी के किनारे स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारे में अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे जो इसे श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल बनाता है.
दोनों देशों के बीच पिछले सप्ताह इस गलियारे को लेकर हुए समझौते के तहत 5,000 भारतीय तीर्थ यात्रियों को रोजाना दरबार साहिब गुरुद्वारे के दर्शन करने की अनुमति होगी.
इसके लिए उन्हें करीब 1400 रुपए (20 डॉलर) देने होंगे. हालांकि भारत ने पाकिस्तान से भारतीय श्रद्धालुओं से कोई शुल्क ना वसूलने का आग्रह भी किया है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)