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Saturday, 27 April, 2024
होमविदेशवैज्ञानिकों ने अध्ययन में पता लगाया कोरोनावायरस किस तरह बदल रहा है रूप

वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पता लगाया कोरोनावायरस किस तरह बदल रहा है रूप

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के एलन राइस सहित अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि जब सभी जीवधारी उत्परिवर्तन (रूप में बदलाव) करते हैं तो यह प्रक्रिया सामान्य तौर पर आकस्मिक होती है.

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लंदन : वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में पता लगाया है कि नए कोरोना वायरस का कुछ उत्परिवर्तन मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली से संबंधित उस प्रोटीन से दिशा-निर्देशित होता है, जो इसे कमजोर करने में सहायक है, लेकिन वायरस इसके खिलाफ फिर उठ खड़ा होता है.

यह खोज कोविड-19 के खात्मे के लिए नए टीके तैयार करने में मददगार हो सकती है.

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के एलन राइस सहित अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि जब सभी जीवधारी उत्परिवर्तन (रूप में बदलाव) करते हैं तो यह प्रक्रिया सामान्य तौर पर आकस्मिक होती है.

अध्ययन में कहा गया है कि लेकिन कोरोना वायरस के मामले में हो सकता है कि उत्परिवर्तन की प्रक्रिया आकस्मिक न हो तथा मानव इसे कमजोर करने के लिए रक्षा तंत्र के रूप में उत्परिवर्तित कर रहे हैं.

नव-कोरोना वायरस सार्स-कोव-2 से संबंधित अध्ययन पत्रिका ‘मॉलीक्यूलर बॉयलॉजी एंड इवोल्यूशन’ में प्रकाशित हुआ है.

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वैज्ञानिकों ने विश्वभर से 15,000 से अधिक वायरस जीनोम का आकलन किया तथा 6,000 से अधिक उत्परिवर्तनों की पहचान की.

यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के मिलनर सेंटर फॉर इवोल्यून के निदेशक लॉरेंस हर्स्ट ने कहा, ‘हम वायरस का उत्परिवर्तन कर इसपर हमला कर रहे हैं.’

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि उद्विकास के क्रम में प्राकृतिक चयन या ‘योग्यतम की जीत’ के सिद्धांत के तहत कोरोना वायरस उत्परिवर्तन प्रक्रिया के खिलाफ फिर उठ खड़ा होता है.

यह खोज कोविड-19 के खिलाफ नए टीके बनाने में मददगार हो सकती है.

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2 टिप्पणी

  1. टीके की बायोलॉज़िकल कार्मुकता पर वैज्ञानिकों के एक धड़े में संदेह है । अच्छा तो यह होगा कि हम अपनी नेचुरल इम्यूनिटी को ही इम्प्रूव करने का प्रयास करें और यह होगा एण्टीऑक्सीडेंट्स के निरंतर प्रयोग से । सौभाग्य से हमारे देश में स्टार एनिस, लौंग, दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ और हल्दी जैसे मसाले हर घर में उपलब्ध हैं । बस इनका संतुलित उपयोग करना हमें सेखना होगा । इन मसालों को समान मात्रा में लेकर मिला लें । इसकी सामान्य मात्रा है दो ग्राम सुबह-शाम भोजन के साथ या भोजन के तुरंत बाद गुनगुने जल से । यह कम्पाउण्ड एक पोटेंट एण्टीऑक्सीडेण्ट ही नहीं बल्कि बहुत अच्छा एण्टीवायरल भी है । स्टार एनिस वही मसाला है जिसमें शिकमिक एसिड पाया जाता है और जो सार्स की प्रसिद्ध दवा टैमीफ़्लू का मुख्य घटक है ।

  2. Priya Bhasha Team,
    Yah lekh angrezi mein chhapi khabar ka ek aisa anuvad banakar reh gaya jise aam insaan chaah kar bhi nahin samajh payega. Mushkil bhasha (language), kisi khabar ko likhne wale aur usko padhne wale ke beech doori badhane ka kaam karti hai. Aur jahan tak mein samajhati hoon The Print/Bhasha ki ideology iske ulat hai. Ek pathak ke taur par yah sujhav bhi hai aur nivedan bhi ki angrezi ki copy ka anuvad asan bhasha mein kiya jaaye aur anuvad hone ke baad bhi Hindi ki copy ki apni pehchaan ho. Agar ho sake toh apni taraf ke kuch jaankariyan jodkar kisi bhi khabar ko behatar banane ki koshish karein.
    Umeed hai, aap sujhao ko sakaratmak dhang se lenge.
    Subheksha

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