(ल्यूक बार्नेस, व्याख्याता, वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी)
सिडनी, 13 फरवरी (द कन्वरसेशन) सिसिली के समुद्र तट से लगभग 80 किलोमीटर दूर, भूमध्य सागर में साढ़े तीन किलोमीटर गहराई में केएम3एनईटी नामक एक बहुत ही असामान्य दूरबीन का आधा हिस्सा पड़ा है।
यह विशाल उपकरण अभी निर्माणाधीन है, लेकिन आज दूरबीन की वैज्ञानिक टीम ने घोषणा की कि उन्होंने बाहरी अंतरिक्ष से एक कण का पता लगा लिया है जिसमें बहुत अधिक ऊर्जा है।
टीम ने पत्रिका ‘नेचर’ में जानकारी दी है कि उन्हें अब तक का सबसे ऊर्जावान ‘न्यूट्रिनो’ पाया है और यह सुदूर ब्रह्मांड के अज्ञात जल की खोज में एक बड़ी छलांग को दर्शाता है।
यह समझाने के लिए कि यह इतनी उल्लेखनीय खोज क्यों है, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि केएम3एनईटी क्या है, यह क्या खोज रही है, और इसने क्या देखा?
केएम3एनईटी क्या है?
केएम3एनईटी एक विशाल गहरे समुद्र की दूरबीन है जिसे 21 देशों के 300 से अधिक वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से बनाया जा रहा है।
सिसिली के पास और फ्रांस में प्रोवेंस के तट पर स्थित एक अन्य स्थान पर केएम3एनईटी 6,000 से अधिक प्रकाश डिटेक्टरों से बना होगा, जो गहरे समुद्र में लटके होंगे। दूरबीन समुद्र के लगभग एक घन किलोमीटर क्षेत्र को घेरेगी।
गहरे समुद्र में केएम3एनईटी को सूर्य जैसे प्रकाश के सामान्य स्रोतों से बचाया जाता है। इसे इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन जैसे अन्य कणों से भी सुरक्षित किया जाता है, जो डिटेक्टरों तक पहुंचने से बहुत पहले ही पानी द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। तो यह क्या देखता है?
केएम3एनईटी क्या खोज रही है?
भौतिकशास्त्रियों ने जितने भी कणों की खोज की है, उनमें से केवल दिखाई न देने वाला न्यूट्रिनो ही केएम3एनईटी तक पहुंच सकता है।
न्यूट्रिनो एक प्राथमिक कण है जिसमें कोई विद्युत आवेश नहीं होता और इसका द्रव्यमान बहुत छोटा होता है। यह पदार्थ के साथ इतनी कमजोरी से संपर्क करता है कि यह डिटेक्टर तक पहुंचने के लिए समुद्र में कई किलोमीटर और यहा तक कि पृथ्वी के हजारों किलोमीटर को भी पार कर सकता है। यही कारण है कि केएम3एनईटी न्यूट्रिनो को देखने के लिए, और केवल न्यूट्रिनो को देखने के लिए समुद्र के तल में है।
लेकिन, क्या न्यूट्रिनो डिटेक्टर से भी नहीं गुजरेंगे? हां, लगभग सभी ऐसा नहीं करेंगे।
लेकिन बहुत कम ही, कोई न्यूट्रिनो सीधे पानी के अणु से टकराता है। जब ऐसा होता है, तो यह बहुत बड़ा झटका दे सकता है।
न्यूट्रिनो की ऊर्जा कई और कण बना सकती है। जैसे ही ये कण पानी से गुजरते हैं, वे एक नीली चमक पैदा करते हैं। यही केएम3एनईटी के डिटेक्टर देखते हैं।
इस नीली रोशनी का विश्लेषण करके, और प्रत्येक चमक का समय निर्धारित करके, वैज्ञानिक न्यूट्रिनो की मूल ऊर्जा और जिस दिशा से यह आया था, उसका पुनर्निर्माण कर सकते हैं।
अब तक का सबसे ऊर्जावान न्यूट्रिनो:
गत 13 फरवरी 2023 को, केएम3एनईटी ने एक ऐसे न्यूट्रिनो का पता लगाया जो इतनी तेजी से यात्रा कर रहा था कि उसमें पहले से खोजे गए किसी भी न्यूट्रिनो से 30 गुना ज्यादा ऊर्जा थी।
ऊर्जा की मात्रा 220 पेटाइलेक्ट्रॉनवोल्ट है, लेकिन एक गैर-कण भौतिक विज्ञानी के लिए इसका कोई खास मतलब नहीं है। यह कल्पना करना कठिन है, लेकिन आइए कोशिश करते हैं। न्यूट्रिनो में सूर्य के केंद्र में स्थित एक सामान्य कण की तुलना में 100 ट्रिलियन गुना ज्यादा ऊर्जा थी। यह मेडिकल एक्स-रे की तुलना में एक ट्रिलियन गुना ज्यादा ऊर्जा है, और सबसे खतरनाक रेडियोधर्मी कणों की तुलना में दस अरब गुना ज्यादा है। पृथ्वी के सबसे बड़े कण त्वरक इस ऊर्जा के दस हज़ारवें हिस्से वाले कण का भी उत्पादन नहीं कर सकते।
संक्षेप में कहें तो यह एक कण के लिए बहुत ज्यादा ऊर्जा है।
अंतरिक्ष में न्यूट्रिनो बनाना:
न्यूट्रिनो पदार्थ के साथ बहुत कमजोर तरीके से संपर्क करते हैं, तो एक न्यूट्रिनो को इतनी ऊर्जा कैसे दी जा सकती है? किस तरह की खगोलीय घटना ऐसे कण का निर्माण कर सकती है?
हम जानते हैं कि ब्रह्मांड में बहुत बड़े विस्फोट होते हैं, जैसे सुपरनोवा: जब कोई तारा अपना ईंधन समाप्त कर लेता है और गिर जाता है। इसके अलावा गामा किरण विस्फोट होते हैं, जो सुपरमैसिव तारों के और भी अधिक ऊर्जावान विस्फोट होते हैं, या न्यूट्रॉन सितारों की टक्कर होती है। ये अत्यधिक ऊर्जावान न्यूट्रिनो बनाते हैं।
लेकिन अन्य उम्मीदवार भी हैं। आकाशगंगाओं के केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य से लाखों से लेकर करोड़ों गुना तक अधिक होता है।
जैसे ही पदार्थ इन ब्लैक होल में समाता है, यह अत्यधिक गति से त्वरित हो जाता है, और तीव्र चुंबकीय क्षेत्रों के चारों ओर लिपट जाता है। जो कण निगले नहीं जाते हैं उन्हें अत्यधिक गति से बाहर निकाला जा सकता है। ये ‘सक्रिय आकाशगंगा नाभिक’ ब्रह्मांड के अत्यधिक न्यूट्रिनो बनाने का एक और माध्यम हैं।
तीसरा, न्यूट्रिनो को अधिक स्थानीय रूप से (खगोलीय रूप से कहें तो) बनाया जा सकता है। विस्फोट और सक्रिय आकाशगंगा नाभिक भी कॉस्मिक किरणें बनाते हैं जो अत्यधिक ऊर्जा वाले प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन होते हैं।
ये रास्ते में प्रकाश के एक कण से टकराने से पहले ब्रह्मांड में हमारी ओर प्रवाहित हो सकते हैं। वह टक्कर एक ऊर्जावान न्यूट्रिनो बना सकती है।
हम स्रोत का पता कैसे लगा सकते हैं?
यहां ऑस्ट्रेलियाई कनेक्शन आता है। केएम3एनईटी हमें बताती है कि यह न्यूट्रिनो दक्षिणी आकाश में एक विशेष स्थान से आया था।
यदि यह एक चरम विस्फोट या एक सक्रिय गैलेक्टिक (आकाशगंगा) नाभिक से आया है, तो हम अन्य दूरबीनों के साथ स्रोत को खोजने की उम्मीद कर सकते हैं। विशेष रूप से, सुपरनोवा अवशेष और सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक दोनों को रेडियो तरंगों का उपयोग करके देखा जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया के पास दक्षिणी गोलार्ध में सबसे बड़ी रेडियो दूरबीनें हैं। ‘ऑस्ट्रेलियाई स्क्वायर किलोमीटर एरे पाथफाइंडर (एएसकेएपी)’ ने दक्षिणी आकाश के बड़े हिस्से का मानचित्र बनाया है और कई सुपरनोवा अवशेष तथा सक्रिय आकाशगंगा नाभिक खोजे हैं।
पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय में मेरे सहकर्मी और मैं इस तरह के केएम3एनईटी डिटेक्शन का अनुसरण करने के लिए एएसकेएपी का उपयोग कर रहे हैं। इस विशेष न्यूट्रिनो के लिए, रेडियो आकाश में कोई स्पष्ट उम्मीदवार नहीं हैं, जहां से यह आया है।
हालांकि, केएम3एनईटी बहुत सटीक स्थिति प्रदान नहीं करता है, इसलिए हम पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं हो सकते। हम खोज जारी रखेंगे।
केएम3एनईटी अब भी निर्माणाधीन है और एएसकेएपी आकाश का सर्वेक्षण जारी रखे हुए है। सुदूर ब्रह्मांड में हमारी संभावनाओं के द्वार अभी खुल रहे हैं।
(द कन्वरसेशन) वैभव सुभाष
सुभाष
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