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रविवार, 25 मई, 2025
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आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने में रूस के निरंतर समर्थन से संतुष्ट : भारतीय प्रतिनिधिमंडल

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(तस्वीरों के साथ)

(विनय शुक्ला)

मॉस्को, 24 मई (भाषा) रूस की यात्रा पर आए भारत के बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को मॉस्को की अपनी यात्रा संपन्न की और आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने में भारत को समर्थन देने के रूसी वार्ताकारों के आश्वासन पर संतोष व्यक्त किया।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की लोकसभा सदस्य कनिमोई के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराने के लिए रूस की यात्रा की। प्रतिनिधिमंडल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में अपने ‘‘करीबी और जांचे-परखे’’ मित्र रूस के हितधारकों को जानकारी देने के लिए व्यापक चर्चा की।

इससे पहले, शुक्रवार को रूस ने भारत के साथ ‘‘सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ बिना किसी समझौते के संयुक्त लड़ाई’’ के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।

कनिमोई ने रूसी राजधानी की अपनी 48 घंटे की यात्रा के अंत में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान की परमाणु धमकी अस्वीकार्य है और भारत पड़ोसी देश की भड़कावे वाली किसी भी सैन्य कार्रवाई का दृढ़ता से जवाब देगा।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘हम स्वाभाविक रूप से यह समझते हैं कि मुश्किल समय में रूस हमारे साथ है। यह बेहतर है कि लोग पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से हमें होने वाली पीड़ा के बारे में जानें।’’

प्रेस वार्ता के दौरान कनिमोई ने रूस यात्रा को ‘‘भारत के रुख को स्पष्ट करने का एक शानदार अवसर’’ बताया और कहा, ‘‘पाकिस्तान ने आतंकवादियों को बचाने का विकल्प चुना, उन्होंने दुष्प्रचार किया। हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। भारत का रुख बहुत स्पष्ट है, अगर पाकिस्तान हम पर हमला करना जारी रखेगा, तो हम शांति वार्ता के लिए आगे नहीं आएंगे।’’

उन्होंने कहा कि शुक्रवार को रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको, पूर्व प्रधानमंत्री मिखाइल फ्रैडकोव और रूसी संघीय असेंबली (संसद) के दोनों सदनों के प्रमुख सदस्यों के साथ वार्ता के दौरान रूसी पक्ष को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद नयी ‘‘सामान्य’’ स्थिति के बारे में अवगत कराया गया।

कनिमोई ने रेखांकित किया कि भारत पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘जवाहरलाल नेहरू, वाजपेयी से लेकर प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी तक सभी ने पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश की, लेकिन जवाब में हमारे सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के उद्देश्य से आतंकवादी हमले किये गए।’’

प्रतिनिधिमंडल में शामिल आम आदमी पार्टी के नेता डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने कहा, ‘‘मैं एक पंजाबी हूं और कुछ समय पहले पाकिस्तान की यात्रा पर गया था। वहां के लोग बहुत मिलनसार हैं और भारत के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं, लेकिन उनकी सेना और सरकार भारत के खिलाफ हैं।’’

प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एवं वरिष्ठ भारतीय राजनयिक मंजीव पुरी ने एक रूसी संवाददाता के सवाल पर कहा कि (पाकिस्तान की) मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के कारण शांति वार्ता करना कठिन हो गया है।

पुरी ने कहा, ‘‘किससे बातचीत करनी है, सरकार से या सेना से, जो भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों में शामिल गैर-सरकारी तत्वों के बारे में बात करते हैं? अगर वे अपने क्षेत्र में उन्हें नियंत्रित करने में असमर्थ हैं, तो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उनकी मदद करनी चाहिए।’’

पुरी ने कहा कि मॉस्को यात्रा बहुत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य और वैश्विक शक्ति है। उन्होंने कहा कि इस नाते भारत के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसका समर्थन अहम है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मॉस्को में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की। यह प्रतिनिधिमंडल शनिवार रात अपने पांच देशों के दौरे के अगले चरण के लिए स्लोवानिया रवाना हो गया।

भाषा धीरज आशीष

आशीष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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