(विनय शुक्ला)
मॉस्को, 28 अप्रैल (भाषा) पहलगाम हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, रूस और चीन के वरिष्ठ राजनयिकों ने आतंकवाद से निपटने पर चर्चा करने के लिए यहां बैठक की।
पिछले सप्ताह मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
रूसी विदेश मंत्रालय ने पहलगाम हमले का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया, लेकिन संकेत दिया कि शनिवार की बैठक में दक्षिण एशिया में स्थिति पर चर्चा की गई।
मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा, ‘‘26 अप्रैल को आतंकवाद विरोधी मुद्दों पर बैठक, रूस के उप विदेश मंत्री एस.वी. वर्शिनिन और चीन के सहायक विदेश मंत्री होंग लेई की सह-अध्यक्षता में मास्को में आयोजित की गई।’’
बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक आतंकी खतरों, पश्चिम एशिया, मध्य और दक्षिण एशिया के हालात पर चर्चा की तथा आतंकवादी विचारधारा और कट्टरपंथ का मुकाबला करने के प्रति अपने-अपने अनुभव साझा किए।
‘‘नियमित परामर्श’’ के बजाय ‘‘बैठक’’ शब्द का उपयोग भी इसकी असाधारण प्रकृति का संकेत देता है, विशेष रूप से पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा ‘आरआईए नोवोस्ती’ (रूसी समाचार एजेंसी) को दिए गए एक बयान की पृष्ठभूमि में, जिसमें उन्होंने मॉस्को और बीजिंग को ‘तटस्थ’ जांच में शामिल करने की बात कही थी।
इस बीच, रूसी आर्थिक समाचार पत्र ‘कोमर्सेंट’ ने अपनी खबर में कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच नया टकराव शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के लिए ऐसे समय में एक चुनौती पैदा कर रहा है, जब इसकी अध्यक्षता बीजिंग के पास है। खबर में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच यह टकराव क्षेत्रीय सहयोग परियोजनाओं को खतरा उत्पन्न कर रहा और रूस को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है, क्योंकि भारत मास्को से मजबूत समर्थन चाहता है।
भाषा सुभाष दिलीप
दिलीप
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