मास्को, 14 फरवरी (भाषा) यूक्रेन को लेकर चल रहे तनाव के बीच रूस के शीर्ष राजनयिक ने सोमवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रूसी सुरक्षा मांगों पर पश्चिम के साथ बातचीत जारी रखने का सुझाव दिया। इसे संकेत माना जा रहा है कि क्रेमलिन का इरादा यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आशंका को लेकर अमेरिकी चेतावनी के बीच राजनयिक प्रयासों को जारी रखने का है।
रूस पश्चिमी देशों से गारंटी चाहता है कि ‘नाटो’ गठबंधन यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को सदस्य नहीं बनाएगा, गठबंधन यूक्रेन में हथियारों की तैनाती रोक देगा और पूर्वी यूरोप से अपनी सेना वापस ले लेगा। हालांकि इन मांगों को पश्चिमी देशों ने सिरे से खारिज कर दिया है।
पुतिन के साथ एक बैठक में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सुझाव दिया कि रूस को अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए, भले ही उन देशों ने प्रमुख रूसी सुरक्षा मांगों को खारिज कर दिया है।
लावरोव ने कहा कि अमेरिका ने यूरोप में मिसाइल तैनाती की सीमा, सैन्य अभ्यास पर प्रतिबंध और विश्वास बहाली के लिए अन्य उपायों पर बातचीत करने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि बातचीत ‘अनिश्चित काल तक नहीं चल सकती, लेकिन इस स्तर पर मैं बातचीत जारी रखने और उनका विस्तार करने का सुझाव दूंगा।’
पुतिन द्वारा यह पूछे जाने पर कि राजनयिक प्रयासों को जारी रखने का कोई तुक है, लावरोव ने जवाब दिया कि बातचीत की संभावनाएं समाप्त नहीं हुई हैं और उन्होंने वार्ता जारी रखने का प्रस्ताव रखा।
पुतिन ने कहा कि पश्चिम बिना किसी निर्णायक नतीजे के रूस को ‘अंतहीन वार्ता’ में उलझाने की कोशिश कर सकता है।
लावरोव ने कहा कि ‘हमेशा एक मौका होता है। ‘ उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय अमेरिका और उसके सहयोगियों को रूस की मुख्य मांगों को रोकने की अनुमति नहीं देगा।
यह बैठक तब हुई, जब जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स रूसी हमले के बढ़ते डर के बीच यूक्रेन पहुंचे। उनके यूक्रेन से मास्को जाने की योजना है, जहां वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस मामले में पीछे हटने के लिए समझाने का प्रयास करेंगे।
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अविनाश पवनेश
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