नई दिल्ली: रूस ने अपनी नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति जारी की है जो अमेरिकी डॉलर आधारित लेनदेन पर निर्भरता घटाने के साथ ही भारत और चीन दोनों के साथ रिश्तों में संतुलन साधने की कोशिश करती नजर आ रही है.
रूस की यह राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति, जिसे शनिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जारी किया था, ऐसे समय में आई है जबकि बीते साल भर से भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी है.
नई सुरक्षा नीति का उद्देश्य चीन संग व्यापक भागीदारी विकसित करने के साथ-साथ भारत के साथ जारी रणनीतिक सहयोग को और विस्तार देना है. रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस नीति के तहत ऐसी प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश की जा रही है जो गुटनिरपेक्ष आधार पर तमाम गुटों से परे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करे.
इसमें परोक्ष रूप से भारत-चीन के बीच टकराव का भी संदर्भ दिया गया है. इसमें कहा गया है, ‘बाहरी क्षेत्रों में सैन्यीकरण बढ़ने के खतरे भी होते हैं, और सशस्त्र टकरावों से जुड़े जोखिम दुनिया की परमाणु शक्तियों से जुड़े स्थानीय और क्षेत्रीय संघर्षों की ओर धकेल रहे हैं.’
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अमेरिकी डॉलर का उपयोग घटाना चाहिए
नीति में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में अमेरिकी डॉलर का उपयोग घटाने की यह कहते हुए वकालत की गई है कि इससे रूस की आर्थिक सुरक्षा में मजबूती आएगी.
नई नीति के मुताबिक, ‘रूस के विदेश व्यापार में डॉलर का उपयोग घटाना देश की आर्थिक सुरक्षा को मजबूती देने का एक प्रमुख उपाय है.’ साथ ही जोड़ा गया है कि रूस ने हाल के वर्षों में विदेशी प्रतिबंधों और दबाव का सामना करने की अपनी क्षमता को दिखाया है.
रूस की नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के उस हिस्से को अमेरिका पर कटाक्ष माना जा रहा है जिसमें कहा गया है, ‘बढ़ती भू-राजनीतिक अस्थिरता और संघर्ष तो वैश्विक विकास क्षमता के फिर से निर्धारण का नतीजा हैं जिसमें कहा जा रहा है कि अपना एकछत्र राज गंवाते जा रहे देश खुद के नियम निर्धारित करके, प्रतिस्पर्धा के अनुचित तरीके अपनाकर, एकतरफा प्रतिबंधों को लागू करके या खुले तौर पर अन्य देशों के मामले में दखल देकर अपना दबदबा बनाए रखने की उम्मीदें पाले बैठे हैं.’
नई नीति में यह भी बताया गया है कि विदेशी खुफिया सेवाओं की मदद से कुछ देशों की सेनाओं द्वारा रूस में सूचना से जुड़े महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निष्क्रिय करने का प्रयास किया गया है और कहा जा है कि इन्होंने आम तौर पर रशियन इंफॉर्मेशन स्पेस में अपने खुफिया और अन्य अभियानों को तेज कर दिया है.
दस्तावेज में इन स्थितियों में रूस की संप्रभुता या क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालने वाले तत्वों की तरफ से अंजाम दिए जाने वाले ‘गैर-मैत्रीपूर्ण कार्यों’ को रोकने या नाकाम करने के लिए सीधे या टेढ़े-मेढ़े दोनों ही तरह के साधनों का उपयोग करने को जायज ठहराया गया है.
रूसी सुरक्षा दस्तावेज
रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति दरअसल एक रणनीतिक दस्तावेज है जो उन तौर-तरीकों को रेखांकित करता है जिसके जरिये राष्ट्रीय जीवन के हर क्षेत्र में नागरिकों, समाज और राष्ट्र को बाहरी और आंतरिक खतरों से बचाया जाना है. इस तरह का पहला दस्तावेज 1997 में बनाया गया था, और नए घटनाक्रमों के मद्देनजर इसमें लगातार बदलाव होते रहे हैं.
यह दस्तावेज दीर्घावधि में सतत विकास सुनिश्चित करने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्यों को निर्धारित करता है. नई रणनीति दस्तावेज के पिछले संस्करण की जगह लेगी, जिसे 2015 के अंत में राष्ट्रपति पुतिन ने मंजूरी दी थी.
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