वाशिंगटन: भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को मजबूत करने का एक और संकेत देते हुए अमेरिकी नौसेना ने पहले दो एमएच-60 आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर्स भारतीय नौसेना को सौंपे.
भारतीय नौसेना अमेरिकी सरकार से विदेशी सैन्य बिक्री के तहत लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित ये 24 हेलीकॉप्टर खरीद रही है जिनकी अनुमानित कीमत 2.4 अरब डॉलर है.
सैन डिएगो के नौसैन्य हवाई स्टेशन नॉर्थ आइलैंड या एनएएस नॉर्थ आइलैंड में शुक्रवार को हुए समारोह में अमेरिकी नौसेना से भारतीय नौसेना को औपचारिक तौर पर हेलीकॉप्टर सौंपे. अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू इसमें शामिल हुए.
संधू ने कहा कि सभी मौसमों में काम करने वाले मल्टी रोल हेलीकॉप्टरों का बेड़े में शामिल होना भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारत-अमेरिका की दोस्ती नयी ऊंचाइयां छू रही है.’
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय रक्षा व्यापार पिछले कुछ वर्षों में 20 अरब डॉलर से अधिक तक फैल गया है. रक्षा व्यापार के अलावा भारत और अमेरिका रक्षा मंचों के सह-विकास पर भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
संधू ने हाल के समय में रक्षा क्षेत्र में भारत द्वारा उठाए सुधारात्मक कदमों का जिक्र किया जिससे विदेशी निवेशकों के लिए नए अवसर पैदा हो गए हैं.
एमएच-60आर हेलीकॉप्टर सभी मौसमों में काम करने वाला हेलीकॉप्टर है जिसे विमानन की नयी प्रौद्योगिकियों के साथ कई मिशनों में सहयोग देने के लिए डिजाइन किया गया है. इन एमआरएच के शामिल होने से भारतीय नौसेना की त्रिआयामी क्षमताएं बढ़ेंगी. हेलीकॉप्टरों को कई विशिष्ट उपकरण तथा हथियारों से भी लैस किया जाएगा. भारतीय चालक दल का पहला बैच अभी अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहा है.
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रक्षा विभाग के अनुसार, इस प्रस्तावित बिक्री से भारत की सतह-रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्धक अभियानों की क्षमताएं बढ़ेंगी. भारत इन क्षमताओं का इस्तेमाल क्षेत्रीय खतरों से निपटने और अपने देश की रक्षा को मजबूत करने के तौर पर करेगा. भारत सरकार ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक यात्रा से हफ्तों पहले फरवरी 2020 में हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी.
अगस्त 2018 में इन हेलॉकॉप्टरों के लिए सौदे को तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से मंजूरी दी गई थी. बिक्री को अप्रैल 2019 में मंजूरी मिली थी और अंतिम करार पर दस्तखत पिछले साल ही हुए थे.
अमेरिका नौसेना खुले समुद्री क्षेत्रों और तटवर्ती इलाकों में अपने प्राथमिक पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान और एंटी सरफेस वेपन सिस्टम के तौर पर रोमियो की ही तैनाती करता है.
‘सबमरीन हंटर्स’ के नाम से भी जाने जाने वाले ये हेलीकॉप्टर एंटी-सरफेस वारफेयर की क्षमताओं से भी लैस हैं, जिसका मतलब है कि पानी की सतह के ऊपर खतरों का पता लगाने और दुश्मन के जहाजों को निशाना बनाने में सक्षम होंगे.
रोमियो हेलीकॉप्टरों का भारतीय संस्करण हवा से सतह पर मार करने वाली हेलफायर मिसाइलों और मार्क 54 एंटी-सबमरीन टॉरपीडो से लैस होगा.