बीजिंग: चीन की सरकारी मीडिया ने हांगकांग में चुनाव परिणामों को कमतर बताने और उस पर अविश्वास प्रकट करने के संबंध में मंगलवार को कई खबरें दीं. इन चुनावों में लोकतंत्र समर्थक प्रत्याशियों को जबर्दस्त जीत हासिल हुई और ये नतीजे बीजिंग समर्थक शासन के लिए काफी चुभने वाले साबित हुए हैं.
अर्ध स्वायत्त शहर में हुए निकाय चुनावों में लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों को लोगों का जबर्दस्त समर्थन मिलता दिखाई दिया जहां चीन के नियंत्रण को कम करने की मांग वाले प्रत्याशियों को 452 सीटों का शानदार बहुमत मिला. ये विरोध प्रदर्शन कई माह तक चले और इनमें हिंसा हुई.
चीनी भाषा की सरकारी मीडिया ने मंगलवार को दी खबरों में चुनाव में जीतने वालों का कोई जिक्र नहीं किया. इनमें सरकारी प्रसारणकर्ता सीसीटीवी और कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र ‘पीपल्स डेली’ भी शामिल था.
पीपल्स डेली ने कहा, ‘सामाजिक अशांति ने चुनावी प्रक्रिया को गंभीर रूप से बाधित किया.’
चाइना डेली के अंग्रेजी भाषा के संस्करण में छपे एक संपादकीय में कहा गया कि चुनाव को ‘खराब चालों’ और ‘डराने-धमकाने के जरिए बिगाड़ा’ गया.
संपादकीय में कहा गया, ‘हिंसक धमकियों वाली युक्तियों की मंशा शासन समर्थित प्रत्याशियों के प्रदर्शन एवं दृश्यता को घटाना था.’
इसमें कहा गया, ‘बाहरी ताकतों का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में महीनों से चल रहे सरकार विरोधी अभियान को और भड़काना भी शासन समर्थक प्रत्याशियों की चुनावी संभावनाओं को काफी हद तक नुकसान पहुंचा गया.’
चीन ने हांगकांग के मुद्दे पर अमेरिकी राजदूत को तलब किया
चीन ने अमेरिकी राजदूत टेरी ब्रेनस्टेड को एक बार फिर तलब किया है ताकि वह ट्रंप प्रशासन से हांगकांग में लोकतंत्र पक्षधरों का समर्थन करने संबंधी कांग्रेस के दोनों चैंबरों द्वारा पारित विधेयक को निरस्त करने की मांग कर सके.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उपमंत्री झेंग जेगुआंग ने ‘हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र विधेयक’ के प्रति चीन की कड़ी आपत्ति को सोमवार को जताई और चेताया कि अमेरिका को ‘सभी तरह के परिणामों को भुगतने के लिए तैयार रहना होगा.’
चीन ने इस विधेयक पर विरोध जाहिर करने के लिए हाल के कुछ हफ्तों में दूसरी बार ब्रेनस्टेड को तलब किया है. यह विधेयक लभगभ सर्वसम्मति से पारित हुआ और अब इस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर होना बाकी है.
ट्रंप शुक्रवार को इस विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे क्योंकि वह चीन के साथ व्यापार सौदे पर काम करने के प्रयास में हैं. पिछले हफ्ते पारित होने के बाद से इस विधेयक पर वीटो करने के लिए उनके पास 10 दिन का समय है. अगर वह ऐसा नहीं करते तो यह अपने आप कानून बन जाएगा, जबकि कांग्रेस दोनों सदन में दो-तिहाई बहुमत के साथ इस वीटो को रद्द कर सकती है.
यह विधेयक मानवाधिकार उल्लंघन में संलिप्त चीन एवं हांगकांग के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने को अधिकृत करता है और विदेश मंत्रालय के लिए हर साल विशेष स्वायत्त दर्जे की समीक्षा करने को जरूरी बनाएगा जो अमेरिका व्यापार पर हांगकांग को प्रदान करता है.