बोस्टन : कोरोनावायरस से संक्रमित 800 से अधिक बच्चों पर किये गए अनुसंधान में पता चला है कि संक्रमण के लक्षणों वाले बच्चों के मुकाबले बिना लक्षण वाले अधिकतर बच्चों में वायरस का स्तर काफी कम है.
यह अनुसंधान ‘क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
अमेरिका के एन एंड रॉबर्ट एच ल्यूरी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बाल संक्रामक रोग विशेषज्ञ तथा अनुसंधान की प्रथम लेखक लैरी कोसियोलेक ने कहा, ‘इस अनुसंधान में स्कूल जा रहे बच्चों कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों की सुरक्षा को लेकर कुछ बातें कही गई हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि डे-केयर, स्कूलों और समाज में कोविड-19 खतरे से निपटने के लिये उठाए जा रहे कदम इसके प्रसार को रोकने के लिये काफी महत्वपूर्ण हैं.’
कोसियोलेक ने कहा, ‘बच्चों को मास्क पहने रहना, शारीरिक दूरी बनाए रखना और बार-बार हाथों को धोना चाहिये.’
वैज्ञानिकों के अनुसार अभी यह बता पाना मुश्किल है कि किन बच्चों में वायरस की मात्रा अधिक या कम है.
कोसियोलेक ने कहा, ‘ऐसा इसलिये है कि क्योंकि हर आयु वर्ग के बच्चों की जांच की गई. कुछ बच्चे ऐसे थे, जिनमें संक्रमण के लक्षण तो नहीं दिखे लेकिन वायरस का स्तर काफी अधिक था. हालांकि हमारे अनुसंधान में पता चला है कि बिना लक्षण वाले बच्चों में लक्षण वाले बच्चों की तुलना में वायरस की मात्रा कम वायरस पाया गया.’
अनुसंधान के दौरान वैज्ञानिकों ने 339 बिना लक्षण वाले और 478 लक्षण वाले (0 से 17 वर्ष के आयुवर्ग) बच्चों की का आकलन किया. ये बच्चे अमेरिका और कनाडा के नौ बाल अस्पतालों में पीसीआर जांच के दौरान कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए थे.