कोलंबो: श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को द्वीप देश में चल रही आर्थिक उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है.
श्रीलंकाई संसद में मतदान के बाद रानिल विक्रमसिंघे को नए राष्ट्रपति के रूप में चुना गया. उन्होंने 134 वोट हासिल किए.
वहीं एसएलपीपी सांसद दुल्लास अल्हापेरुमा को 82 वोट मिले जबकि नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) की नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को तीन वोट मिले.
Sri Lanka's newly appointed President Ranil Wickremesinghe addresses the Sri Lankan Parliament in Colombo; says the country is in a very difficult situation, we have big challenges ahead: Reuters pic.twitter.com/MP6Is0RGy3
— ANI (@ANI) July 20, 2022
श्रीलंका के नवनियुक्त राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने जीत के बाद श्रीलंकन संसद को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश बहुत मुश्किल स्थिति में है, हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं. रॉयटर्स ने यह जानकारी दी है.
रानिल विक्रमसिंघे के श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन जारी है.
छह बार द्वीप राष्ट्र के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने वाले विक्रमसिंघे राष्ट्रपति चुनाव के लिए शीर्ष पर थे, जिसमें सदन के सदस्यों ने गुप्त मतदान के माध्यम से मतदान किया.
इससे पहले, विक्रमसिंघे को श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था, जब गोटबाया राजपक्षे के विदेश भाग जाने के बाद उनके महल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच गुस्साए प्रदर्शनकारियों द्वारा धावा बोल दिया गया था.
दि डेली मिरर ने खबर दी है कि श्रीलंका के स्पीकर ने कहा कि सांसदों को सदन में मोबाइल लाइन की इजाजत नहीं दी थी, चुनाव के दौरान पार्टी के कुछ नेताओं ने अपने सांसदों को अपने मतपत्रों की तस्वीरें लेने के लिए बताया था.
इससे पहले, विक्रमसिंघे को शीर्ष उम्मीदवारों में से एक माना जाता था. हालांकि, श्रीलंका के मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा ने कल राष्ट्रपति पद की दौड़ से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी और कहा कि वह शीर्ष पद के लिए प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार दुल्लास अलहप्परुमा का समर्थन कर रहे थे.
प्रेमदासा ने ट्विटर पर कहा कि उनकी पार्टी समागी जन बालवेगया और उसके गठबंधन और विपक्षी सहयोगी श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के एक सांसद अलहप्परुमा का समर्थन करेंगे, जो आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए मैदान में हैं.
प्रेमदासा ने कहा कि वह इस निर्णय के साथ आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि वह लंकावासियों के लिए ‘अधिक अच्छा’ चाहते हैं. उन्होंने ट्वीट किया है, ‘अपने देश की बेहतरी के लिए जिसे मैं प्यार करता हूं और जिन लोगों को मैं प्यार करता हूं, मैं राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेता हूं. समागी जाना बालवेगया और हमारा गठबंधन व हमारे विपक्षी सहयोगी दुल्लास अल्हापेरुमा को विजयी बनाने की दिशा में कड़ी मेहनत करेंगे.’
इससे पहले, डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, अलहप्परुमा अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार साजिथ प्रेमदासा के साथ राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए कड़ा प्रचार कर रहे थे, ताकि तमिल सांसदों को दुल्लास को वोट देने के लिए राजी किया जा सके.
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे सिंगापुर जाने के बाद इस्तीफा भेजा था. हजारों प्रदर्शनकारियों द्वारा राजधानी कोलंबो में उनके आधिकारिक आवास पर धावा बोलने के बाद राष्ट्रपति सबसे पहले मालदीव के लिए रवाना हो गए थे.
उत्पादन के लिए बुनियादी इनपुट की अनुपलब्धता, मार्च 2022 के बाद से मुद्रा का 80 प्रतिशत मूल्यह्रास, विदेशी भंडार की कमी और अपने अंतरराष्ट्रीय ऋण दायित्वों को पूरा करने में देश की विफलता के कारण श्रीलंका में अर्थव्यवस्था एक तेज संकुचन हुआ है.
ईंधन की कमी के बीच हर दिन कर्ज में डूबे देशभर में सैकड़ों श्रीलंकाई पेट्रोल पंपों पर कतार में लगे रहते हैं, और बड़ी संख्या में लोग अपनी कारों और मोटरसाइकिलों को छोड़कर रोजाना के आने-जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल कर रहे हैं.
श्रीलंका के इतिहास में सबसे खराब आर्थिक संकट ने ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी को पैदा की है.