तोक्यो, 29 जुलाई (भाषा) भारत समेत ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के सदस्य देशों ने सोमवार को स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत को लेकर अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि किसी भी देश को दूसरे देश पर हावी नहीं होना चाहिए तथा प्रतिस्पर्धा का जिम्मेदारी से प्रबंधन किया जाना चाहिए।
‘क्वाड’ के इस बयान को चीन के लिए एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
बैठक में ‘क्वाड’ देशों के विदेश मंत्रियों ने स्वतंत्र एवं खुली नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और राष्ट्रों की स्वतंत्रता, मानवाधिकारों, लोकतांत्रिक मूल्यों, संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का सम्मान करने का भी आह्वान किया।
इस बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने हिस्सा लिया।
बयान में मंत्रियों ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय शांति, स्थिरता एवं समृद्धि में योगदान देने में सभी देशों की भूमिका है। हम एक ऐसा क्षेत्र चाहते हैं, जिसमें किसी देश का प्रभुत्व न हो और कोई देश किसी अन्य देश पर हावी न हो, प्रतिस्पर्धा का प्रबंधन जिम्मेदारी से किया जाए, हर देश सभी प्रकार के दबाव से मुक्त हो और अपने भविष्य को खुद निर्धारित कर सके।’’
क्वाड ने स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में काम करने का भी संकल्प लिया। इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में चीन की सैन्य मौजूदगी में वृद्धि देखी गई है।
मंत्रियों ने कहा, ‘‘हम एक ऐसे स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए ‘क्वाड’ की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जो समावेशी और लचीला हो। हम स्वतंत्रता, मानवाधिकारों, कानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्यों, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति अपने मजबूत समर्थन के साथ स्वतंत्र और खुली नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की हमारी प्रतिबद्धता को लेकर एकजुट हैं।’’
भाषा
सिम्मी पारुल
पारुल
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