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Friday, 1 November, 2024
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बेलारूसी राष्ट्रपति के दावों पर पुतिन का मुहर: बेलारूस में रूस ने तैनात किए भारी परमाणु हथियार

बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने बीते दिनों दावा किया था कि रूस से उन्हें हथियारों का एक बड़ा बैच प्राप्त हुआ है. अब जाकर लुकाशेंको के दावों पर पुतिन ने मुहर लगा दी है.

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नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को इस बात पर मुहर लगाई कि मास्को ने बेलारूस को परमाणु हथियारों का अपना पहला बैच भेज दिया है.

सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि बाकी परमाणु हथियार गर्मियों के अंत तक वितरित किए जाएंगे. पुतिन का यह फैसला यूक्रेन की सीमा से लगे देश में सामरिक परमाणु बम तैनात करने की योजना को आगे बढ़ता है. युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “यह उन सभी लोगों के खिलाफ एक निवारक उपाय है जो रूस और उसकी रणनीतिक हार के बारे में सोचते हैं.”

रूसी राष्ट्रपति का यह फैसला 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद रूस के बाहर इस तरह के हथियारों की तैनाती का पहला कदम है.

रूसी नेता की टिप्पणी इस सप्ताह बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के दावों के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके देश को “रूस से बम और मिसाइल” का पहला बैच प्राप्त हुआ है.

लुकाशेंको ने रूसी और बेलारूसी राज्य मीडिया से कहा था, “हमारे पास कई ताकतवर मिसाइल और बम हैं जो हमें रूस से प्राप्त हुए हैं.” उन्होंने यह भी दावा किया था कि रूस से प्राप्त बम और मिसाइल “हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों की तुलना में तीन गुना अधिक शक्तिशाली हैं”.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने घोषणा की थी कि रूस ने बेलारूस को परमाणु हथियारों की डिलीवरी शुरू कर दी है, जिनमें कुछ ऐसे भी हैं जो स्पष्ट रूप से हिरोशिमा और नागासाकी पर किए गए विस्फोटों से तीन गुना अधिक शक्तिशाली हैं.

हालांकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यह नहीं बताया कि बेलारूस को दिए गए हथियार कहां और किस उद्देश्य से तैनात किए जाएंगे. लेकिन रूसी सूत्रों के मुताबिक कम दूरी को मारने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलें, जिसकी मारक क्षमता लगभग 500 किलोमीटर तक है, बेलारूस को पहले ही सौंपे जा चुके हैं.

बेलारूस के राष्ट्रपति ने दावा किया था कि रूस द्वारा प्राप्त हथियारों का इस्तेमाल ‘निवारक’ के रूप में किया जाएगा. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब रूस ने किसी दूसरे देश में अपने हथियार तैनात किए हैं. बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के डेढ़ साल से अधिक बीत चुके हैं.

इस बीच, इस साल 4 अप्रैल को फ़िनलैंड ब्रसेल्स में नाटो मुख्यालय में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ उत्तरी अटलांटिक संधि में प्रवेश करने के साथ ही नाटो का सबसे नया सदस्य बन गया.


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