(तस्वीर के साथ)
(अदिति खन्ना)
लंदन, दो मई (भाषा) पुणे में जन्मे वास्तुकार और शिक्षक सौरभ फडके धर्मार्थ कार्य से जुड़े उन चुनिंदा लोगों में शामिल हैं जिन्हें महाराज चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक समारोह में आमंत्रित किया गया है। फडके ने कहा कि वह अब भी इस खबर पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं।
फडके (38) को चार्ल्स द्वारा स्थापित फाउंडेशन की तरफ से किये जा रहे कामों से उनके जुड़ाव और उसमें सफलता के लिये राज्याभिषेक समारोह में शामिल होने के लिये चुना गया। चार्ल्स ने यह फाउंडेशन तब शुरू किया था जब वह ‘प्रिंस ऑफ वेल्स’ थे। मूल रूप से एक वास्तुकार के रूप में प्रशिक्षित फडके फाउंडेशन के पारंपरिक भवन निर्माण कौशल कार्यक्रम में शामिल हुए और एक शिल्पकार के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने हुनर का विस्तार किया।
कौशल कार्यक्रम के दौरान फडके का हुनर लोगों के सामने आया जब वह प्रिंस फाउंडेशन के स्कॉटिश मुख्यालय, एरशायर के डम्फ्रीज हाउस में चार महीने तक रहे और उन्होंने व उनके साथी छात्रों ने वहां एक नया शिक्षा मंडप बनाया।
फडके से जब शनिवार को वेस्टमिंस्टर एब्बे के लिये मिले शाही निमंत्रण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं अब भी इसे आत्मसात करने की कोशिश कर रहा हूं और मुझे नहीं पता कि मुझे क्या उम्मीद करनी चाहिए क्योंकि मैं पहले कभी राज्याभिषेक में नहीं गया था। मन में यह भावना है कि मैं इसके करीब आ रहा हूं।”
फडके को प्रिंस फाउंडेशन स्कूल ऑफ ट्रेडिशनल आर्ट्स में परास्नातक करने के लिए अलबुखरी फाउंडेशन स्कॉलरशिप भी मिली। फडके अब इसी स्कूल में एक ट्यूटर के रूप में काम करते हैं।
भारत में अलग-अलग जगहों पर शिक्षण और स्कूलों का निर्माण करने के बाद, फडके कुछ साल पहले ब्रिटेन चले गए। जब फडके की पत्नी पर्सिस को लंदन के किंग्स कॉलेज में भूगोल में पीएचडी करने के लिए छात्रवृत्ति मिली तो वह भी उनके साथ ब्रिटेन में रहने लगे।
भाषा
प्रशांत मनीषा
मनीषा
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