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मंगलवार, 27 मई, 2025
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आतंकवाद के खिलाफ प्रांत और यहां के शहर भारत के साथ खड़े हैं: सिंगापुर की मंत्री

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सिंगापुर, 27 मई (भाषा) सिंगापुर की एक वरिष्ठ मंत्री ने मंगलवार को भारत के सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को बताया कि उनका देश सभी प्रकार के आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है और इस खतरे के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है।

जनता दल (यूनाइटेड) के राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल दक्षिण कोरिया से यहां पहुंचा और उसने सिंगापुर की विदेश एवं गृह राज्य मंत्री सिम एन से मुलाकात की।

प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद की घटनाओं, ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति से अवगत कराया।

सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग द्वारा दिए गए एक बयान के अनुसार, सिम ने कहा कि सिंगापुर सभी प्रकार के आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है।

सिम ने यह भी कहा कि सिंगापुर और भारत घनिष्ठ साझेदार हैं तथा वे द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के प्रयास जारी रखेंगे।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अगर भारत पर कोई आतंकवादी हमला होता है तो देश उसका उचित जवाब देगा।

इसमें कहा गया है, ‘‘भारत किसी भी परमाणु ‘ब्लैकमेलिंग’ को बर्दाश्त नहीं करेगा। परमाणु ‘ब्लैकमेल’ की आड़ में पनप रहे आतंकवादी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक हमला करेगा। भारत आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली सरकार और आतंकवाद के सरगना के बीच कोई अंतर नहीं करेगा।’’

इसमें कहा गया है कि करीबी मित्र और साझेदार के रूप में भारत और सिंगापुर आतंकवाद सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम करना जारी रखेंगे।

झा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के एकजुट संकल्प से अवगत कराने के लिए ये प्रतिनिधिमंडल विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाया है।

पहलगाम में 22 अप्रैल को किए गए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने इसके अपराधियों और साजिश रचने वालों को न्याय के कटघरे में लाए जाने की आवश्यकता समझी। आतंक के इस जघन्य कृत्य के जवाब में भारत ने आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।

प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर सरकार, शिक्षाविदों, मीडिया और व्यापार जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।

उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हम वरिष्ठ राज्य मंत्री जनिल पुथुचेरी, संसद सदस्य विक्रम नायर और शक्तिंदी सुपात की उपस्थिति की सराहना करते हैं।’’

यह प्रतिनिधिमंडल उन सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंच बनाने और आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के संबंधों को उजागर किए जाने के मकसद से 33 वैश्विक राजधानियों का दौरा करने का दायित्व सौंपा है।

ये प्रतिनिधिमंडल संबंधित देशों को यह भी बताने के लिए काम कर रहे हैं कि हालिया संघर्ष पहलगाम में किए गए आतंकवादी हमले की वजह से शुरू हुआ था, न कि ऑपरेशन सिंदूर के कारण, जैसा कि पाकिस्तान ने आरोप लगाया है।

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया और भारत ने छह मई की देर रात पाकिस्तान तथा इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए।

पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया, जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया।

इस तनाव के बाद 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच वार्ता हुई और सैन्य संघर्ष रोकने पर सहमति बनी।

भाषा यासिर नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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