(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, नौ मार्च (भाषा) नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने रविवार को सभी लोगों से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन करने और संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के संविधान के सिद्धांतों और मानकों को बनाए रखने का आग्रह किया।
पश्चिमी नेपाल के धनगढ़ी नगर पालिका क्षेत्र में प्रांतीय विधानसभा में भाषण देते हुए ओली ने कहा कि संविधान लोगों के लंबे बलिदान और संघर्षों के माध्यम से स्थापित किया गया है।
ओली ने लोकतंत्र दिवस के अवसर पर पूर्व नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र शाह द्वारा दिए गए बयान पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि भावुक होने से राष्ट्र निर्माण में मदद नहीं मिलती है।
फरवरी में लोकतंत्र दिवस पर ज्ञानेंद्र ने कहा था, ‘‘समय आ गया है कि हम देश की रक्षा करने और राष्ट्रीय एकता की जिम्मेदारी लें।’’
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि वर्तमान संविधान किसी ने उपहार में नहीं दिया है, बल्कि जन प्रतिनिधियों द्वारा लिखा गया है और संविधान सभा के माध्यम से अधिनियमित किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान और संघीय गणराज्य की रक्षा और पोषण एक साझा जिम्मेदारी है। ऐसी अफवाहें थीं कि पूर्व नरेश को नारायणहिती पैलेस में भेजकर शासन में वापस लाया जाएगा।’’
ओली ने पूछा, ‘‘क्या कोई व्यक्ति कुर्सी पर बैठने के बाद शासक बन जाता है? क्या उसे जनादेश की आवश्यकता नहीं होती?’’
उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल राष्ट्र के निर्वाचित प्रमुख हैं। क्या कुर्सी पर बैठा कोई भी व्यक्ति राष्ट्र का प्रमुख बन सकता है?’’
ओली ने इस तरह की साजिश के खिलाफ समर्थन के लिए सभी राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया।
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