कोलंबो, 30 मार्च (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने बुधवार को कहा कि बिम्सटेक क्षेत्र को आतंकवाद, धार्मिक कट्टरता और मादक पदार्थों के खतरे से बचाना है। कोलंबो में सात सदस्यीय बिम्सटेक संगठन के पांचवें शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए राजपक्षे ने यह बात कही।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि ‘‘बे ऑफ बंगाल इनिशियेटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन’’ (बिम्सटेक) के सदस्य देश वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास का इंजन बनकर उभरे हैं। इस शिखर सम्मेलन में भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और थाईलैंड के नेताओं ने आभासी माध्यम से भाग लिया।
राजपक्षे ने विदेशी मुद्रा भंडार की कमी और भुगतान संतुलन के कारण उपजे श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि श्रीलंका कोविड-19 से भी बुरी तरह प्रभावित हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘ पर्यटन से होने वाली आय और हमारी घरेलू कमाई पर बहुत अधिक विपरीत प्रभाव पड़ा।’’ राजपक्षे ने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहयोग से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर लौटेगी।
मंगलवार को आयोजित बिम्सटेक की मंत्री स्तरीय बैठक में श्रीलंका के विदेश मंत्री जीएल पीरिस ने सदस्य देशों के बीच अधिक आर्थिक सहयोग की दिशा में कदम उठाने के लिए अपील की थी। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास का पथ एशिया की ओर स्थानांतरित होने के कारण बिम्सटेक देशों के बीच व्यापार और निवेश को पुनर्जीवित करने की जरूरत है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच अधिक सहयोग की अपील की। मोदी ने कहा कि हमारी क्षेत्रीय सुरक्षा को अधिक प्राथमिकता देना जरूरी हो गया है। ऑनलाइन आयोजित इस शिखर सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान मोदी ने कहा कि क्षेत्र आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से जूझ रहा है और एकता तथा सहयोग समय की जरूरत है।
मोदी ने कहा, ‘‘अब समय है कि बंगाल की खाड़ी को संपर्क का सेतु बनायें, समृद्धि का सेतु बनायें और सुरक्षा का सेतु बनायें।’’ मोदी ने कहा कि बिम्सटेक सचिवालय के ऑपरेशनल बजट को बढ़ाते हुए भारत 10 लाख अमेरिकी डॉलर का वित्तीय सहयोग देगा।
बिम्सटेक में भारत और श्रीलंका के अलावा बांग्लादेश, म्यामां, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। इस संगठन के देशों की कुल आबादी विश्व की जनसंख्या की 21.7 फीसदी है, जबकि इनकी कुल जीडीपी 3.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है।
भाषा संतोष नरेश
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