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Saturday, 8 November, 2025
होमविदेशज्यूफ्रे की आत्मकथा के बाद प्रिंस एंड्रयू से सभी उपाधियां वापस ली गईं, परिवार ने इसे ‘जीत’ बताया

ज्यूफ्रे की आत्मकथा के बाद प्रिंस एंड्रयू से सभी उपाधियां वापस ली गईं, परिवार ने इसे ‘जीत’ बताया

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( केट कैन्ट्रेल, यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न क्वीन्सलैंड )

टूवूम्बा (ऑस्ट्रेलिया), 31 अक्टूबर (भाषा) ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स ने अपने भाई प्रिंस एंड्रयू से सभी शाही उपाधियां और सम्मान वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बकिंघम पैलेस ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि अब उन्हें केवल “एंड्रयू माउंटबैटन विंडसर” के नाम से जाना जाएगा।

यह कदम वर्जीनिया ज्यूफ्रे की मरणोपरांत प्रकाशित आत्मकथा ‘नोबॉडीज़ गर्ल’ के जारी होने के बाद उठाया गया है। इस पुस्तक में ज्यूफ्रे ने जेफ्री एप्सटीन और गिसलेन मैक्सवेल के लिए दो वर्ष तक “यौन दास” के रूप में बिताए अपने जीवन का विस्तृत विवरण दिया है। 41 वर्षीय ज्यूफ्रे ने इस वर्ष अप्रैल में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के अपने फार्महाउस में आत्महत्या कर ली थी।

महाराजा चार्ल्स के आदेश के तहत, एंड्रयू को रॉयल लॉज आवास खाली कर निजी आवास में स्थानांतरित होना होगा। बकिंघम पैलेस के बयान में कहा गया कि यह निर्णय राजघराने की गरिमा और जवाबदेही को ध्यान में रखकर लिया गया है।

ज्यूफ्रे के परिवार ने एक बयान में कहा, “आज वह अपनी सच्चाई और अद्भुत साहस के साथ एक ब्रिटिश राजकुमार को गिराने में सफल रही — यह उसकी जीत है।”

ब्रिटिश इतिहासकार एंड्रयू लाउनी ने हाल में कहा था कि “जब तक एंड्रयू अपने सभी शाही सम्मान छोड़कर रॉयल लॉज से बाहर नहीं जाते, यह विवाद खत्म नहीं होगा।” लाउनी ने एंड्रयू और उनकी पूर्व पत्नी सारा फर्ग्यूसन पर ‘एंटाइटल्ड’ नामक पुस्तक लिखी है। सारा फर्ग्यूसन को भी रॉयल लॉज से बाहर जाना होगा।

आत्मकथा में ज्यूफ्रे ने लिखा है “एप्सटीन और उसके सहयोगियों के कृत्य सबके सामने थे, फिर भी लोग आँखें मूँद लेते थे।”

उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने एप्सटीन के साथ समय बिताया, वे जानते थे कि वह क्या कर रहा है। उसकी कारगुजारियां सबके सामने थीं लेकिन सब कुछ जान कर आंखें बंद कर ली गई थीं।”

पुस्तक प्रकाशित होने से कुछ दिन पहले ही प्रिंस एंड्रयू ने घोषणा की थी कि वे अब “ड्यूक ऑफ यॉर्क” सहित किसी भी शाही उपाधि का उपयोग नहीं करेंगे।

खबरों के अनुसार, 2011 के कुछ लीक ईमेल में संकेत मिला है कि एंड्रयू ने उस समय ज्यूफ्रे की जन्मतिथि और सामाजिक सुरक्षा विवरण अपने एक सुरक्षा अधिकारी को भेजे थे, ठीक उसी दिन जब उनके साथ ली गई प्रसिद्ध फोटो सार्वजनिक हुई थी।

मैक्सवेल के भाई इयान मैक्सवेल ने ‘द स्पेक्टेटर’ में एक लेख लिखकर ज्यूफ्रे की आत्मकथा पर सवाल उठाए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस किताब ने फिर से एप्सटीन नेटवर्क और उससे जुड़े प्रभावशाली लोगों की भूमिका पर वैश्विक ध्यान केंद्रित कर दिया है।

आलोचकों के अनुसार, यह आत्मकथा केवल एक व्यक्तिगत गवाही नहीं, बल्कि उस व्यवस्था पर गंभीर सवाल है जिसने नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण को संभव बनाया और दशकों तक छिपाए रखा।

ज्यूफ्रे के परिजनों ने कहा, “वह अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उसकी आवाज़ अभी भी न्याय की मांग कर रही है। उसने सुनिश्चित किया कि यह लड़ाई उसके बाद भी जारी रहे।”

( द कन्वरसेशन ) मनीषा नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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