(अभिषेक शुक्ला)
वियना, 11 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाकिया की अपनी ‘‘ऐतिहासिक’’ यात्रा पूरी करने के बाद शुक्रवार को भारत के लिए रवाना हो गईं। करीब तीन दशकों में भारत के राष्ट्रपति की दोनों देशों की यह पहली यात्रा थी।
आखिरी बार किसी भारतीय राष्ट्रपति ने 29 साल पहले स्लोवाकिया का दौरा किया था जबकि पुर्तगाल की यात्रा 27 साल के अंतराल के बाद हुई है।
अपनी चार दिवसीय यात्रा समाप्त करने के बाद राष्ट्रपति, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमुबेन बंभानिया और संसद धवल पटेल और संध्या रे के साथ विमान से नयी दिल्ली रवाना होने के लिए ब्रातिस्लावा से सड़क मार्ग से यहां पहुंचीं।
यात्रा के दूसरे चरण में स्लोवाकिया की अपनी यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति ने अपने स्लोवाकिया के समकक्ष पीटर पेलेग्रिनी, प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको, संसद के अध्यक्ष सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात की और आपसी सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की।
दोनों देशों ने अंतरिक्ष और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में आगे के अवसरों की खोज की।
विदेश मंत्रालय के सचिव तन्मय लाल ने कहा, ‘‘शिक्षा और शोध के क्षेत्र में सहयोग मजबूत हुआ है और इसमें प्रगति हो रही है। सहयोग के क्षेत्रों में से एक के रूप में स्वास्थ्य पर चर्चा की गई। हमारे देशों के बीच पर्यटन बढ़ रहा है। यह एक और क्षेत्र है जहां नेताओं ने आगे के सहयोग पर चर्चा की।’’
लाल ने कहा, ‘‘अगर हम भारत और स्लोवाकिया के बीच आर्थिक संबंधों को देखें तो व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। पिछले पांच वर्षों में व्यापार तीन गुना बढ़ा है और अब यह 1.3 अरब यूरो के आसपास है। दोनों तरफ से निवेश हो रहा है।’’
बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति ने ब्रातिस्लावा से 100 किलोमीटर दूर नित्रा में डिस्कवरी और डिफेंडर मॉडल के वाहनों का उत्पादन करने वाले टाटा मोटर्स जेएलआर संयंत्र का दौरा किया। वहां उन्होंने भारतीय कर्मचारियों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।
राष्ट्रपति मुर्मू के साथ स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पेलेग्रिनी भी उनके साथ मौजूद थे। दोनों नेता उस जगह पर भी गए जहां कारों को तैयार किया जा रहा था।
मुर्मू को नित्रा स्थित ‘कॉन्स्टेंटाइन द फिलॉसफर यूनिवर्सिटी’ द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
भाषा
खारी नरेश
नरेश
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