scorecardresearch
Tuesday, 7 May, 2024
होमविदेशपाकिस्तान के PM की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने की नेशनल असेंबली भंग, 3 महीने में देश में होंगे चुनाव

पाकिस्तान के PM की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने की नेशनल असेंबली भंग, 3 महीने में देश में होंगे चुनाव

इसके साथ ही देश में आम चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हो गया है, निचले सदन को भंग करने के लिए जारी अधिसूचना में कहा गया कि नेशनल असेंबली को संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत भंग कर दिया गया है.

Text Size:

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की सलाह पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने बुधवार को संसद के निचले सदन ‘नेशनल असेंबली’ को उसके पांच साल के संवैधानिक कार्यकाल की समाप्ति से तीन दिन पहले भंग कर दिया.

इसके साथ ही देश में आम चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हो गया है, निचले सदन को भंग करने के लिए जारी अधिसूचना में कहा गया कि नेशनल असेंबली को संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत भंग कर दिया गया है.

शहबाज़ शरीफ ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश की थी.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार और दो दिन सत्ता में रह सकती थी और 11 अगस्त को संसद भंग करना चाहती थी, लेकिन उसका मानना है कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की पार्टी के पूर्व नेता राष्ट्रपति अल्वी निचले सदन को भंग करने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी करने से इनकार कर सकते हैं.

‘जियो न्यूज़’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज़ ने बुधवार देर रात राष्ट्रपति अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने के लिए एक पत्र भेजा, जिससे कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो सकेगी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

राष्ट्रपति अल्वी या तो नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी कर सकते हैं या इसमें 48 घंटे की देरी कर सकते हैं.

नेशनल असेंबली समय से पहले भंग होने की सूरत में पाकिस्तान निर्वाचन आयोग 90 दिनों के भीतर चुनाव कराएगा. यदि नेशनल असेंबली ने अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा कर लिया होता, तो चुनाव 60 दिनों के भीतर कराए जाते.

इमरान की सज़ा बरकरार

इस बीच, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सज़ा पर तत्काल रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया. हालांकि, अदालत ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी याचिका पर चार से पांच दिन में फैसला लिया जाएगा.

इस्लामाबाद की निचली अदालत ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में शनिवार को खान को तीन साल के कारावास की सज़ा सुनाई थी. इसके बाद पंजाब पुलिस ने लाहौर में खान के आवास से उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. तोशाखाना मामले में उन पर सत्ता में रहते हुए कीमती उपहार बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप है.

फिलहाल अटक जेल में बंद खान ने मंगलवार को अपने वकीलों के माध्यम से कोर्ट में एक याचिका दायर करके मामले में अपनी दोषसिद्धि और तीन साल की जेल की सज़ा पर रोक लगाने की अपील की.

मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक की अध्यक्षता में हुई सुनवाई के दौरान खान के वकील ख्वाजा हारिस ने दलील दी कि निचली अदालत ने उन्हें मामले की पैरवी करने की अनुमति दिए बिना अपना फैसला सुना दिया. उन्होंने अदालत से सज़ा को निलंबित करने और दोषसिद्धि के खिलाफ अपील पर कल से सुनवाई करने का आग्रह किया.

फैसले को रद्द करने का अनुरोध करने संबंधी याचिका में उन्होंने कहा, “तोशाखाना मामले में निचली अदालत का फैसला कानून के खिलाफ है.”


यह भी पढ़ें: ‘विपक्ष से सहमत हूं मणिपुर में हिंसा हुई, हम लोग निराश हैं,’ अमित शाह बोले- राजनीति करना शर्मनाक


 

share & View comments