(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 11 जून (भाषा) पाकिस्तान की गठबंधन सरकार के एक प्रमुख सहयोगी दल ने प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ‘तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ (टीटीपी) के साथ चल रही शांति वार्ता पर शनिवार को आपत्ति जताई और मांग की कि आतंकवाद संबंधी सभी फैसले संसद द्वारा लिए जाने चाहिए।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने काबुल में टीटीपी के साथ वार्ता के मुद्दे पर चर्चा के लिए शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। टीटीपी के साथ वार्ता में अफगान तालिबान मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है।
पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट किया, ‘‘पीपीपी ने विशेष रूप से टीटीए (तहरीक-ए-तालिबान अफगानिस्तान) और टीटीपी के जुड़े अफगानिस्तान संबंधी हालिया घटनाक्रम के मद्देनजर आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की। पीपीपी का मानना है कि सभी निर्णय संसद द्वारा लिए जाने चाहिए।’’
बिलावल ने टीटीपी के साथ किसी भी बातचीत पर गंभीर आपत्ति जताई है क्योंकि यह संगठन पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल था।
भाषा सिम्मी सुभाष
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