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Sunday, 22 December, 2024
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भारत को पीएम शेख हसीना का ऑफर- कनेक्टविटी बढ़ाने के लिए बांग्लादेश के बंदरगाह का इस्तेमाल करे भारत

इससे पहले वर्ष 2010 में, भारत और बांग्लादेश ने भारत से माल की आवाजाही के लिए बांग्लादेश में चटगांव और मोंगला बंदरगाहों के उपयोग की अनुमति देने के लिए एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे.

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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार को कहा कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य इस उद्देश्य के लिए चटगांव बंदरगाह तक पहुंच सकते हैं.

ढाका ट्रिब्यून के हवाले से विदेश मंत्री जयशंकर के साथ बातचीत के दौरान हसीना ने कथित तौर पर कहा, ‘अगर संपर्क बढ़ाया जाता है, तो असम और त्रिपुरा जैसे भारतीय पूर्वोत्तर राज्यों की चटगांव बंदरगाह तक पहुंच हो सकती है.’ चटगांव या छतोग्राम बंदरगाह बांग्लादेश के महत्वपूर्ण बंदरगाहों में से एक है, जो चटगांव पहाड़ी इलाकों के क्षेत्र में स्थित है.

उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्यों के साथ समुद्री बंदरगाह की निकटता के कारण, बंदरगाह सुविधा में उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्यों में आर्थिक गतिविधियों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने की क्षमता है, जो वैश्विक शिपिंग लेन तक पहुंच प्रदान करता है

इससे पहले वर्ष 2010 में, भारत और बांग्लादेश ने भारत से माल की आवाजाही के लिए बांग्लादेश में चटगांव और मोंगला बंदरगाहों के उपयोग की अनुमति देने के लिए एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे.

संक्षिप्त आधिकारिक यात्रा पर आज यहां पहुंचे जयशंकर ने हसीना को उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी की तरफ से नई दिल्ली आने का निमंत्रण दिया.

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री शेख हसीना को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं. दोनों नेताओं के मार्गदर्शन में हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं.’

बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि दोनों देशों को संपर्क को और बढ़ाना होगा. बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव एहसानुल करीम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया.

करीम ने कहा कि उन्होंने जयशंकर से कहा कि परस्पर लाभ के लिए संपर्क बढ़ाने की जरूरत है, जबकि इससे बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी चटगांव बंदरगाह का उपयोग करने में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को विशेष रूप से फायदा होगा.

उन्होंने कहा, ‘यदि संपर्क बढ़ाया जाता है, तो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों – जैसे असम और त्रिपुरा- को चट्टोग्राम में बंदरगाह तक पहुंच प्राप्त हो सकती है.’

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि बांग्लादेश और भारत के बीच सीमा पार मार्गों को फिर से शुरू करने के लिए पहल की गई थी, जिन्हें 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बंद कर दिया गया था, जब बांग्लादेश पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा था.

करीम ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना की जयशंकर के साथ आधे घंटे से अधिक लंबी बैठक के दौरान कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई.

जयशंकर ने बाद में अपने बांग्लादेशी समकक्ष एके अब्दुल मोमेन के साथ बातचीत की और फिर संयुक्त रूप से मीडिया को जानकारी दी.

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘डॉ. मोमेन और डॉ. एस जयशंकर ने बांग्लादेश और भारत के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने चल रहे बांग्लादेश-भारत सहयोग के बारे में संतोष व्यक्त किया, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प जताया, समग्र रूप से सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर दिया.’

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी सुविधा के समय भारत आने का निमंत्रण दिया.

उन्होंने कहा, ‘मैंने (उन्हें) बताया कि हम उनकी सुविधा के अनुसार भारत की उनकी यात्रा के लिए तत्पर हैं.’

उन्होंने कहा, बांग्लादेशी प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ तर्कसंगत और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

जयशंकर शुक्रवार सुबह ढाका से भूटान के लिये रवाना होंगे.


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