काठमांडू: नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. पार्टी के भीतर ओली के संसद के निचले सदन को भंग करने के फैसले को लेकर असंतोष है.
विरोधी धड़े के प्रवक्ता नारायणकाजी श्रेष्ठ ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली अब पार्टी के सदस्य नहीं हैं.
श्रेष्ठ ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, ‘आज की केंद्रीय समिति की बैठक में केपी शर्मा ओली को पार्टी से निकालने का फैसला लिया गया.’
Nepal's Caretaker PM KP Sharma Oli (file photo) removed from ruling Nepal Communist Party by a Central Committee Meeting of the splinter group of the party.
"His membership has been revoked," Spokesperson for the splinter group, Narayan Kaji Shrestha confirmed ANI. pic.twitter.com/6vc91tt03k
— ANI (@ANI) January 24, 2021
पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल और माधव कुमार नेपाल द्वारा ये पूछे जाने पर कि असंवैधानिक फैसले लेने पर उन्हें पार्टी से क्यों नहीं निकाला जाना चाहिए, उसके बाद ये फैसला लिया गया है.
विरोधी धड़े ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर इस पर स्पष्टीकरण मांगा था. हालांकि, ओली ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया.
श्रेष्ठ ने कहा, ‘हमने लंबे समय तक इंतजार किया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया. हमारा वर्तमान फैसला पार्टी के केंद्रीय समिति के अधिकारों के अनुरूप लिया गया है.’
केपी शर्मा ओली ने पार्टी के भीतर चल रहे गतिरोध के बाद पिछले साल 20 दिसंबर को संसद भंग कर अप्रैल-मई में फिर से चुनाव कराने का फैसला किया था.
ओली के फैसले को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने भी मंजूरी दे दी थी.
ओली के फैसले के ठीक बाद एनसीपी दो धड़ों में बंट गई. दोनों ही खुद को असल पार्टी होने का दावा कर रही है जिसपर चुनाव आयोग को फैसला करना है.
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