इस्लामाबाद : पाकिस्तान के नागर विमानन प्राधिकरण के तीन अधिकारियों को देश की सरकारी विमानन कंपनी, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (पीआईए) में फर्जी उड़ान लाइसेंस घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए बर्खास्त कर दिया गया है. मीडिया में बृहस्पतिवार को आई एक खबर में यह जानकारी सामने आई.
‘डॉन’ समाचार-पत्र ने खबर दी कि नागर विमानन प्राधिकरण (सीएए) के चौथे कर्मचारी ने उसे बर्खास्त किए जाने के संभावित निर्णय के खिलाफ अदालत से रोक आदेश प्राप्त कर लिया है.
पाकिस्तान में पायलट लाइसेंसों का यह घोटाला कराची में 22 मई को पीआईए की एक विमान दुर्घटना से सामने आया जिसमें विमान में सवार 97 लोगों की मौत हो गई थी. जांच में सामने आया कि पाकिस्तान के करीब एक तिहाई पायलटों ने परीक्षा में नकल की थी लेकिन फिर भी उन्हें देश के सीएए से लाइसेंस दिए गए.
उच्चतम न्यायालय ने विमानन मंत्री द्वारा सैकड़ों पायलटों के फर्जी दस्तावेज की जानकारी दिए जाने के बाद 21 जुलाई को सीएए को राष्ट्रीय एयरलाइन के पायलटों के खिलाफ तत्काल जांच पूरी करने का काम सौंपा था.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार-पत्र को बताया कि विमानन एवं लाइसेंसिंग शाखा के पांच अधिकारियों को निलंबित किया गया था और घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और बाद में प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनमें से तीन को हटा दिया गया था.
इन तीन में से, दो वरिष्ठ अधिकारियों को सीएए महानिदेशक ने बर्खास्त कर दिया था जबकि तीसरा जोकि एक कनिष्ठ अधिकारी था उसे अतिरिक्त निदेशक ने हटाया था.
सूत्रों ने बताया कि पांच निलंबित अधिकारियों में, दो वरिष्ठ संयुक्त निदेशक (लाइसेंसिंग), एक वरिष्ठ एचआर अधीक्षक और दो सहायक शामिल थे. विमानन प्रभाग ने पांच सीएए अधिकारियों के मामले को संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के पास उनके खिलाफ आपराधिक जांच शुरू करने के लिए भेजा था। हालांकि, एफआईए का उनके खिलाफ जांच पूरी करना अभी शेष है.
इस बीच, अधिकारियों ने 262 पायलटों के लाइसेंसों की उनके निजी मैनुअल डेटा से पुष्टि की प्रक्रिया पूरी कर ली है और कैबिनेट की बैठक में इसपर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.