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Tuesday, 18 June, 2024
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सुनक के पूर्वजों की जड़ें पाकिस्तान में होने को लेकर सोशल मीडिया में लोगों का दिखा उत्साह

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(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 24 अक्टूबर (भाषा) ऋषि सुनक के ब्रिटेन के पहले गैर श्वेत प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त होने के साथ भारत और पाकिस्तान एक गौरव साझा करने के लिए इतिहास के शिखर पर हैं, हालांकि उनमें से किसी ने भी इसमें भूमिका नहीं निभाई।

सुनक के दादा-दादी ब्रिटिश शासन वाले भारत में पैदा हुए थे लेकिन उनका जन्मस्थान गुजरांवाला आधुनिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। इस प्रकार, एक अजीब तरीके से नए ब्रिटिश नेता एक भारतीय और एक पाकिस्तानी दोनों है।

अब तक, उनके वंश के बारे में बहुत कम विवरण सिर्फ सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं तथा ब्रिटेन में कड़वी राजनीतिक तकरार के बीच भारतीय और पाकिस्तानी दोनों ही उनके सत्ता में आने के बारे में अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।

क्वीन लायनेस 86 नामक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया, ‘‘सुनक गुजरांवाला का एक पंजाबी खत्री परिवार है, जो अब पाकिस्तान में है। ऋषि के दादा रामदास सुनक ने 1935 में नैरोबी में क्लर्क की नौकरी के लिए गुजरांवाला को छोड़ दिया।’’

परिवार की जानकारी मुहैया कराने वाली क्वीन लायनेस 86 के अनुसार, रामदास की पत्नी, सुहाग रानी सुनक 1937 में केन्या की यात्रा करने से पहले, अपनी सास के साथ गुजरांवाला से पहले दिल्ली चली गईं। ऋषि का जन्म 1980 में साउथेम्प्टन में हुआ।

हालांकि पाकिस्तान में सुनक (42) के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने सरकार को उन पर अपना दावा करने का सुझाव दिया है। शफत शाह ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान को भी ऋषि सुनक पर दावा करना चाहिए क्योंकि उनके दादा-दादी गुजरांवाला से थे, जो वहां से केन्या और फिर ब्रिटेन चले गए।’’

ग्रैंड फिनाले नामक ट्विटर हैंडल वाले किसी व्यक्ति ने लिखा, ‘‘वाह…क्या जबरदस्त उपलब्धि है। एक पाकिस्तानी अब ब्रिटेन में सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाला है। विश्वास हो तो कुछ भी संभव है।’’

लेकिन अन्य लोगों ने सुझाव दिया कि पाकिस्तान और भारत दोनों को नए ब्रिटिश नेता पर गर्व होना चाहिए। याकूब बंगाशी ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिका में इस उम्मीद के साथ बिस्तर पर जा रहा हूं कि गुजरांवाला का पंजाबी सुबह ब्रिटेन का प्रधानमंत्री होगा। पाकिस्तान और भारत दोनों को इस पल पर संयुक्त रूप से गर्व होना चाहिए।’’

जुल्फिकार जट्ट (35) ने कहा कि ऐसी भी आशंकाएं हैं कि दोनों देश इस दावे की होड़ में उतर सकते हैं कि सुनक उनकी जमीन का बेटा है। जट्ट ने कहा, ‘‘चूंकि गुजरांवाला पाकिस्तान में है, इसलिए जो 100 साल पहले इस शहर का था, वह आज पाकिस्तानी है।’’

अख्तर सलीम जैसे अन्य लोग चाहते हैं कि सुनक कोहिनूर हीरे के बहुप्रतीक्षित मुद्दे को संबोधित करें। सलीम ने कहा, ‘‘चूंकि वह प्रधानमंत्री बनने वाले हैं, मुझे लगता है कि पाकिस्तान को उनसे कोहिनूर हीरा लौटाने के लिए कहना चाहिए जो लाहौर से चुराया गया था।’’

भाषा आशीष माधव

आशीष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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