(एम जुल्करनैन)
लाहौर, 21 जून (भाषा) पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि देश में ‘‘हाइब्रिड मॉडल’’ के तहत शासन किया जा रहा है, जिसमें सेना के पास सत्ता का बड़ा हिस्सा है।
आसिफ सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी सहयोगी हैं।
इस सप्ताह यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मंत्रिमंडल के प्रमुख सदस्य आसिफ ने ‘‘हाइब्रिड मॉडल’’ को स्वीकार किया है, जिसकी विश्लेषकों ने आलोचना करते हुए कहा है कि यह मिश्रित नहीं बल्कि ‘‘सहायक हितों की पूर्ति के लिए बनाई गई एक स्थिर सरकार’’ है।
शुक्रवार शाम को ‘अरब न्यूज’ के साथ साक्षात्कार में रक्षा मंत्री की टिप्पणियों को इस बात की स्वीकारोक्ति माना जा रहा है कि नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को पाकिस्तान के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान का समर्थन प्राप्त है।
आसिफ ने नागरिक-सैन्य ‘हाइब्रिड’ व्यवस्था को सत्ता संरचना के सह-स्वामित्व के रूप में वर्णित करते हुए कहा, ‘‘यह हाइब्रिड मॉडल है। यह आदर्श लोकतांत्रिक सरकार नहीं है। इसलिए, मुझे लगता है कि यह हाइब्रिड व्यवस्था चमत्कार कर रही है। यह प्रणाली तब तक व्यावहारिक आवश्यकता है जब तक कि पाकिस्तान आर्थिक और शासन संबंधी समस्याओं से बाहर नहीं निकल जाता।’’
उन्होंने कहा कि यदि इस तरह का ‘हाइब्रिड मॉडल’ 90 के दशक में ही अपना लिया जाता (जब नवाज शरीफ दो बार प्रधानमंत्री रहे थे), तो चीजें बहुत बेहतर होतीं, क्योंकि सैन्य प्रतिष्ठान और राजनीतिक सरकार के बीच टकराव लोकतंत्र की प्रगति को धीमा कर देता है।
रक्षा मंत्री ने दावा किया कि पीएमएल-एन और शरीफ के लिए “एकमात्र यथार्थवादी विकल्प” “सेना के साथ समझौता करना” है।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ‘व्हाइट हाउस’ में मुलाकात के एक दिन बाद, आसिफ ने बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस मुलाकात को ‘संबंधों के 78 साल के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण मोड़’ बताया और कहा कि यह घटनाक्रम निर्वाचित सरकार और सेना को शामिल करते हुए ‘शासन के वर्तमान हाइब्रिड मॉडल’ की सफलता है।
भाषा आशीष माधव
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