इस्लामाबाद, पांच जून (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी दोनों ने भारत के साथ हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान “तनाव कम करने” में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका होने का दावा करते हुए उनकी प्रशंसा की है।
नेताओं ने अमेरिका के साथ नए सिरे से द्विपक्षीय संबंधों के बारे में भी बात की और उससे दो परमाणु-शस्त्र संपन्न पड़ोसियों, भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापक वार्ता को सुगम बनाने का आग्रह किया।
भारत ने इस बात से इनकार किया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष को रोकने के लिए बनी सहमति में कोई भूमिका निभाई थी। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।
भारत द्विपक्षीय मुद्दों पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की बात लगातार खारिज करता रहा है।
प्रधानमंत्री शरीफ इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी बुधवार को वाशिंगटन में अमेरिका स्थित पाकिस्तानी पत्रकारों से बात कर रहे थे।
‘डॉन’ अखबार ने बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया कि हाल में चार दिनों तक भारत-पाक के बीच हुए सैन्य संघर्ष ने यह उजागर कर दिया है कि “पहलगाम की घटना एक झूठा अभियान थी”। शरीफ ने ट्रंप को संघर्ष विराम कराने में निर्णायक भूमिका निभाने का श्रेय दिया।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बिना किसी संदेह के यह दिखा दिया है कि “वह शांति और लाभकारी व्यापारिक सौदों के पक्षधर हैं”।
शरीफ ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप तनाव बढ़ाने के खिलाफ हैं।” उन्होंने दावा किया, “पहलगाम घटना की निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच के हमारे प्रस्ताव पर बदले में आक्रामकता का सामना करना पड़ा।”
उन्होंने कहा कि भारत को “ठोस सबूतों के साथ सामने आना चाहिए था और दुनिया को घटना के बारे में आश्वस्त करना चाहिए था।”
अमेरिका को स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए शरीफ ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध “नए सिरे से दोस्ती में प्रवेश कर रहे हैं और करीबी संपर्क फिर से शुरू हो रहे हैं।”
गत 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। भारत ने छह-सात मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए।
दस मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति बनी।
‘डॉन’ ने यह भी लिखा कि बुधवार को वाशिंगटन की तीन दिवसीय यात्रा पर आए पूर्व विदेश मंत्री बिलावल पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले महीने पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्ष विराम को सुगम बनाने में मदद करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ‘श्रेय के हकदार हैं’।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि अमेरिकी राष्ट्रपति क्या कह रहे हैं। 10 अलग-अलग मौकों पर उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को सुगम बनाने का श्रेय लिया है – और यह सही भी है। वह उस श्रेय के हकदार हैं, क्योंकि यह उनके प्रयासों की वजह से ही संभव हो पाया।’’
पूर्व विदेश मंत्री ने भारत का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने लंबे समय से खुद को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘सुरक्षा प्रदाता’ के रूप में पेश किया है – एक अवधारणा जिसका अमेरिकी नीति निर्माताओं ने भी समर्थन किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन के प्रति संतुलन के रूप में भारत की अवधारणा अब खोखली लगती है। मेरा मानना है कि इस दृष्टिकोण का अब पुनर्मूल्यांकन किया जाना चाहिए।’’
बिलावल ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र और बाकी दुनिया को वास्तव में जो सुरक्षा प्रदान कर सकता है, वह है भारत और पाकिस्तान के बीच शांति।’’
भाषा वैभव नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.