संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने शुक्रवार को यहां कहा कि पाकिस्तान भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ अमन चाहता है, लेकिन दक्षिण एशिया में स्थायी शांति एवं स्थिरता कश्मीर मुद्दे के उचित और स्थायी समाधान पर निर्भर करती है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए शरीफ ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बदलने के लिए पांच अगस्त, 2019 को भारत के ‘अवैध और एकतरफा’ कदम ने शांति की संभावनाओं को और कमतर किया है और क्षेत्रीय तनाव को भड़काया है.
उन्होंने कहा, ‘हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ अमन चाहते हैं. दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता, जम्मू-कश्मीर मुद्दे के उचित और स्थायी समाधान पर निर्भर है.’
शरीफ ने कहा, ‘मेरे ख्याल से यह सही वक्त है जब भारत को यह संदेश साफ तौर पर समझना चाहिए कि दोनों देश हथियारों से लैस हैं. जंग कोई विकल्प नहीं है. सिर्फ शांतिपूर्ण संवाद ही इन मुद्दों को हल कर सकता है ताकि आने वाले वक्त में दुनिया और ज्यादा शांतिपूर्ण हो जाए.’
शरीफ ने कहा कि नयी दिल्ली ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी है, जिससे यह दुनिया का सबसे ज्यादा सैन्यीकृत क्षेत्र बन गया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आवाम कश्मीरियों के साथ खड़ी रही है और आगे भी खड़ी रहेगी.
उन्होंने कहा कि वह ‘अपने भारतीय समकक्षों के साथ’ बातचीत करने के लिए आगे आने को तैयार हैं ताकि ‘हमारी पीढ़ियों को परेशानी न झेलनी पड़े और हम अपने संसाधनों को अपनी तकलीफों को कम करने और बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं का सामना करने के लिए संरचनाओं के निर्माण पर खर्च कर सकें.’
शरीफ ने कहा, ‘मैंने विश्व मंच को आश्वासन दिया है कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं. भारत को उपयोगी वार्ता के लिए माहौल बनाने के वास्ते उचित कदम उठाने चाहिए.’
भारत पाकिस्तान से कई बार कह चुका है कि जम्मू कश्मीर उसका अभिन्न अंग था, है और रहेगा.
शरीफ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अधिक गोला-बारूद खरीदने और तनाव को बढ़ावा देने की कोशिश में अपने संसाधनों को बर्बाद नहीं करना चाहिए.
अफगानिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि इस वक्त अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार को अलग-थलग करने से अफगान लोगों की पीड़ा बढ़ सकती है.
शरीफ ने आतंकवाद पर कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान से संचालित प्रमुख आतंकवादी समूहों से उत्पन्न खतरे को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता को साझा करता है.
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