इस्लामाबाद, 19 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान सरकार एक प्रमुख पनबिजली परिजयोजना में कार्यरत उन 36 चीनी नागरिकों को मुआवजा देगी, जो बीते साल देश के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए आतंकी हमले में या तो मारे गए थे या फिर घायल हुए थे। एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह दावा किया गया। इस फैसले को पाकिस्तान की क्षेत्र में अपने सदाबहार करीबी सहयोगी चीन को लुभाने की एक और कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
13 जुलाई 2021 को आतंकियों ने चीनी कर्मचारियों को खैबर पख्तूनख्वा की दासू पनबिजली परियोजना के कार्यस्थल पर ले जा रही बस को निशाना बनाया था। इस हमले में दस चीनी कर्मचारी, जिनमें अधिकतर इंजीनियर शामिल थे, मारे गए थे, जबकि 26 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक, वित्त मंत्री शौकत तरीन की अध्यक्षता वाली पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) चीनी नागरिकों को दिए जाने वाले मुआवजे की रकम तय करेगी। यह रकम 46 लाख डॉलर से लेकर 2.03 करोड़ डॉलर तक हो सकती है।
दासू पनबिजली परियोजना का वित्त पोषण विश्व बैंक करता है। यह परियोजना चीन-पाक आर्थिक गलियारे (सीपेक) के दायरे में नहीं आती है।
अखबार के अनुसार आतंकी हमले के पीड़ित चीनी नागरिकों को मुआवजा देने का मकसद द्विपक्षीय संबंधों में आई बड़ी दरार को दूर करना है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने सरकार पर कोई कानूनी या संविदा संबंधी बाध्यता न होने के बावजूद चीनी नागरिकों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपने नागरिकों पर हमले को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया था। उसने घटना के विरोध में सीपेक की संयुक्त सहयोग समिति की एक प्रस्तावित बैठक भी कथित रूप से रद्द कर दी थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले के बाद चीनी ठेकेदारों ने परियोजना से जुड़ा काम भी रोक दिया था। उन्होंने पीड़ितों के लिए 3.7 करोड़ डॉलर तक के मुआवजे की मांग की थी। यह रकम चीन में आतंकी हमले की सूरत में सरकार की ओर से दी जाने वाली मुआवजा राशि से 500 फीसदी ज्यादा थी।
पाकिस्तान सरकार ने शुरुआत में हमले को आतंकी वारदात मानने से इनकार कर दिया था। उसने घटना को गैस लीक से जोड़ने की कोशिश की थी। हालांकि, बाद में इस्लामाबाद ने स्वीकार किया था कि यह एक आतंकी वारदात थी। चीन ने घटना की जांच के लिए विशेषज्ञों का एक दल भी पाकिस्तान भेजा था।
रिपोर्ट के अनुसार, हमले में चार पाकिस्तानी नागरिकों ने भी जान गंवाई थी। हालांकि, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया है कि इन नागरिकों के परिजन भी मुआवजे के हकदार होंगे या नहीं।
भाषा पारुल नरेश
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