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Tuesday, 30 September, 2025
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की

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(तस्वीरों के साथ)

(योषिता सिंह और सज्जाद हुसैन)

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, 26 सितंबर (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर से मुलाकात की, जहां उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और अन्य मुद्दों पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, छह साल में व्हाइट हाउस का दौरा करने वाले पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज ने ट्रंप को दुनिया भर में संघर्षों को समाप्त करने के उनके “ईमानदार प्रयासों” के लिए “शांति पुरुष” बताया और पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्ष विराम कराने में उनके “साहसी और निर्णायक” नेतृत्व की सराहना की।

जुलाई 2019 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने वाशिंगटन की यात्रा की थी और राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की थी, जिन्होंने पाकिस्तान पर अरबों डॉलर की सहायता प्राप्त करते हुए अमेरिका से झूठ बोलने और उसे धोखा देने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने पहले कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए “पनाहगाह” बना हुआ है।

ट्रंप के उत्तराधिकारी, राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था और व्हाइट हाउस में आमंत्रित करना तो दूर की बात, किसी भी (पाकिस्तानी) प्रधानमंत्री से फोन पर बात तक नहीं की थी।

जनवरी में राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए कार्यभार संभालने के बाद से, पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में एक नाटकीय और अप्रत्याशित बदलाव आया है। जून में, ट्रंप ने व्हाइट हाउस में सेना प्रमुख मुनीर के साथ आमने-सामने की बैठक की थी, हालांकि आम तौर पर किसी देश के सेना प्रमुख के साथ राष्ट्रपति की ऐसी मुलाकात कम देखने को मिलती है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, शहबाज ने “राष्ट्रपति ट्रंप के सुस्पष्ट, साहसी और निर्णायक नेतृत्व की सराहना की, जिसने पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्ष विराम को संभव बनाया, जिससे दक्षिण एशिया में एक बड़ी तबाही को टालने में मदद मिली।”

ट्रंप ने 10 मई को जब सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान ‘‘पूर्ण और तत्काल’’ संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गए हैं, तब से उन्होंने लगभग 50 बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ‘‘घटाने’’ में मदद की है।

भारत ने हालांकि, किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से लगातार इनकार किया है। उसने लगातार कहा कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी।

नयी दिल्ली में, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने इस बैठक का संज्ञान लिया है। भारत ने यह भी कहा कि आतंकवाद जैसे मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ उसकी बातचीत में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि उसका मानना ​​है कि ये द्विपक्षीय ही रहनी चाहिए।

पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चा करते हुए, शहबाज ने इस क्षेत्र, विशेष रूप से गाजा और पश्चिमी तट में शांति की बहाली के लिए विचारों के व्यापक आदान-प्रदान के वास्ते इस सप्ताह मुस्लिम जगत के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित करने की ट्रंप की पहल की सराहना की।

बयान में कहा गया कि उन्होंने इस वर्ष के शुरू में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हुए शुल्क समझौते के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को धन्यवाद भी दिया।

इसमें कहा गया कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में पाकिस्तान-अमेरिका साझेदारी दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए और मजबूत होगी।

बयान में कहा गया कि उन्होंने अमेरिकी कंपनियों को पाकिस्तान के कृषि, आईटी, खान एवं खनिज तथा ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद-रोधी सहयोग सहित क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद-रोधी कार्रवाई में पाकिस्तान की भूमिका का सार्वजनिक समर्थन करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप का आभार व्यक्त किया और सुरक्षा एवं खुफिया क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को उनकी सुविधानुसार पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा करने का निमंत्रण भी दिया।

यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब कई वर्षों के तनावपूर्ण संबंधों के बाद द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब कई वर्षों के तनावपूर्ण संबंधों के बाद द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यह बैठक वाशिंगटन डीसी स्थित ओवल ऑफिस में हुई, जहां उपराष्ट्रपति जे डी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी मौजूद थे। बयान में कहा गया कि यह बैठक “सकारात्मक माहौल” में हुई।

इस बातचीत का विस्तृत ब्योरा साझा नहीं किया गया, लेकिन ट्रंप ने बैठक से पहले मीडिया को बताया कि व्हाइट हाउस में एक “महान नेता” आने वाले हैं।

ट्रंप ने कहा, “असल में हमारे पास एक महान नेता आ रहे हैं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के फील्ड मार्शल। फील्ड मार्शल एक शानदार इंसान हैं और प्रधानमंत्री भी।”

यह बैठक लगभग एक घंटे 20 मिनट तक चली। जून के बाद से फील्ड मार्शल मुनीर और ट्रंप के बीच यह दूसरी मुलाकात भी थी।

मुलाकात के बाद की तस्वीरों में प्रधानमंत्री शरीफ और फील्ड मार्शल मुनीर दोनों ट्रंप के साथ विचारों का आदान-प्रदान करते दिखाई दिए। ट्रंप भी सामूहिक रूप से तस्वीर खिंचवाने के दौरान मुस्कुराते हुए दिखाई दिए।

शरीफ ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के इतर न्यूयॉर्क में भी ट्रंप से मुलाकात की थी। उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति ने मिस्र, इंडोनेशिया, कतर, सऊदी अरब और तुर्किये समेत अरब तथा अन्य देशों के नेताओं के साथ बैठक की थी।

ऐतिहासिक रूप से, पाकिस्तान और अमेरिका शीत युद्ध के सहयोगी थे और वर्षों तक अफगानिस्तान में सोवियत संघ को हराने तथा बाद में उग्रवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने में साथ काम किया।

लेकिन अफगान तालिबान के मामले में उनकी नीतियां अलग-अलग थीं, और पाकिस्तान के आतंकवादियों से कथित संबंधों के कारण अमेरिका खुद को ठगा महसूस कर रहा था। हद तो तब हो गई जब अमेरिका ने 2011 में एक गुप्त अभियान में अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मार गिराया।

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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