इस्लामाबाद: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है, अगले 90 दिनों में चुनाव होने की संभावना है.
पाकिस्तान के एक न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा नेशनल असेंबली को भंग करने का स्वत: संज्ञान लिया है.
पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा , सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है, अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं होने दिया. संयुक्त विपक्ष संसद नहीं छोड़ रहा है. हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं.
इससे पहले, इमरान खान ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में विपक्ष को आश्चर्यचकित करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को सभी विधानसभाओं को भंग करने की सलाह दी है. नेशनल असेंबली को भंग करने की आधिकारिक अधिसूचना भी पाकिस्तानी राष्ट्रपति की ओर से जारी कर दी गई है.
#WATCH Government has violated the Constitution, didn't allow voting on the no-confidence motion. The united opposition is not leaving parliament. Our lawyers are on their way to Supreme Court…says Bilawal Bhutto Zardari, Chairman, PPP#Pakistan pic.twitter.com/vtrQ8d09pb
— ANI (@ANI) April 3, 2022
नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी, जो आज के सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे, ने प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया, इसे संविधान के अनुच्छेद 5 का विरोधाभास करार दिया.
इमरान खान ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, ‘मैंने राष्ट्रपति को विधानसभाओं को भंग करने के लिए लिखा है. लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव होने चाहिए. मैं पाकिस्तान के लोगों से चुनाव की तैयारी करने का आह्वान करता हूं.’
खान ने कहा, ‘मैं स्पीकर के फैसले पर हर पाकिस्तानी को बधाई देता हूं. अविश्वास प्रस्ताव हमारे खिलाफ एक विदेशी साजिश थी. पाकिस्तान को तय करना चाहिए कि उन पर कौन शासन करे.’
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री ने कहा था कि उन्हें ‘प्रतिष्ठान’ द्वारा अविश्वास मत से पहले तीन विकल्प दिए गए थे – इस्तीफा, जल्दी चुनाव कराना या अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना.
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य प्रतिष्ठान ने हालांकि इस दावे का खंडन किया था और कहा था कि वह विपक्ष के विकल्प नहीं लाए, बल्कि संघीय सरकार ने शीर्ष अधिकारियों को फोन करके मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए कहा.
द न्यूज इंटरनेशनल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक (डीजी) ने बुधवार को सत्तारूढ़ सरकार के अनुरोध पर पाकिस्तान के पीएम से मुलाकात की थी.
इमरान खान ने विधायिका के निचले सदन और सर्वशक्तिमान पाकिस्तान सेना का समर्थन खो दिया है.
इमरान खान को तब बड़ा झटका लगा जब गठबंधन में अपने प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को खोने के बाद पीटीआई ने नेशनल असेंबली में ‘बहुमत खो दिया’. एमक्यूएम ने बुधवार को घोषणा की कि उसने विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ एक समझौता किया है और वह 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी.
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