नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए समरकंद में मौजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) प्रमुख मसूद अजहर से संबंधित मीडिया के सवाल का जवाब नहीं दिया.
शहबाज शरीफ से पूछा गया कि क्या वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वैश्विक आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. उन्होंने पत्रकार के इस सवाल का जवाब नहीं देने का फैसला किया और आगे बढ़ गए.
शरीफ के सुरक्षाकर्मियों ने भी पत्रकार को सवाल पूछने से रोकने की कोशिश की.
जैश, भारत में कई आतंकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार रहा है और उसने 2019 में जम्मू-कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी. पाकिस्तान 2018 से (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ग्रे लिस्ट में है. आतंकवादी गतिविधियों में धन के प्रवाह पर पाकिस्तान के रिकॉर्ड की एफएटीएफ द्वारा निरंतर जांच की जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पाकिस्तान ने तालिबान शासित अफगानिस्तान को एफएटीएफ के मॉनिटरों द्वारा मसूद अजहर की गिरफ्तारी की मांग के निरीक्षण से कुछ दिन पहले एक पत्र भेजा था.
जैश-ए-मोहम्मद को लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच नए सिरे से कूटनीतिक विवाद चल रहा है.
टोलो न्यूज के अनुसार, बुधवार को तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इस बात से इनकार किया कि अजहर अफगानिस्तान में था और कहा कि वह पाकिस्तान में है.
उन्होंने कहा, ‘जैश-ए-मोहम्मद गुट का सरगना यहां अफगानिस्तान में नहीं है. यह एक ऐसा संगठन है जो पाकिस्तान में हो सकता है. वैसे भी वह अफगानिस्तान में नहीं हैं और हमसे ऐसा कुछ नहीं पूछा गया है. हमने इसके बारे में समाचारों में सुना है. हमारी प्रतिक्रिया यह है कि यह सच नहीं है.’
एफएटीएफ-एपीजी प्रतिनिधिमंडल ने हाई लेवल पर एफएटीएफ के साथ प्रतिबद्ध 34-सूत्रीय कार्य योजना के साथ देश के अनुपालन को सत्यापित करने के लिए 29 अगस्त से 2 सितंबर तक पाकिस्तान का दौरा किया.
उज्बेकिस्तान एससीओ 2022 का वर्तमान अध्यक्ष है जबकि भारत एससीओ का अगला अध्यक्ष होगा.
दुनिया में कोविड महामारी की चपेट में आने के बाद यह पहला इन-पर्सन एससीओ शिखर सम्मेलन है. अंतिम व्यक्तिगत रूप से एससीओ राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन जून 2019 में बिश्केक में आयोजित किया गया था.
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