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Friday, 1 November, 2024
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अविश्वास खारिज होने के बाद इमरान ने की संसद भंग करने की सिफारिश, राष्ट्रपति से चुनाव कराने की मांग

इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले ही नेशनल असेंबली के सत्र को स्थगित कर दिया गया. अध्यक्ष ने सांसदों को वोटिंग की अनुमति नहीं दी और कहा कि अविश्वास मत एक विदेश साजिश का हिस्सा था.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें अब आसान होती नजर आ रही है. बीते कई दिनों से चली आ रही इमरान खान सरकार को गिराने की कोशिशें नाकाम साबित हुईं. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. हालांकि इस सब के बाद इमरान खान ने राष्ट्रपति से संसद को भंग कर दोबारा चुनाव कराने की सिफारिश की है.

इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले ही नेशनल असेंबली के सत्र को स्थगित कर दिया गया. अध्यक्ष ने सांसदों को वोटिंग की अनुमति नहीं दी और कहा कि अविश्वास मत एक विदेश साजिश का हिस्सा था.

पाकिस्तान के नेशनल असेंबली में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को डिप्टी स्पीकर ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह संविधान के अनुच्छेद 5 का उल्लंघन करता है.

इसके बाद इमरान खान ने देश को संबोधित किया और राष्ट्रपति से संसद को भंग कराकर फिर से चुनाव कराने की मांग की है. इमरान खान ने अपने संबोधन में कहा है कि अब कौम चुनाव की तैयारी करे..

उन्होंने कहा, ‘देश की जनता चुनाव की तैयारी करे. किसी और को इसकी मुस्तकबिल तय करने का अधिकार नहीं, बल्कि यहां के लोग इसे तय करेंगे.’

इमरान खान ने अपने संबोधन में अविश्नास प्रस्ताव खारिज होने के लिए आवाम को मुबारकबाद दी. उन्होंने कहा, ‘आज स्पीकर ने जो अविश्वास प्रस्ताव को ख़ारिज किया है, उसके लिए मैं पूरी कौम को मुबारक देता हूं. कल से सब परेशान थे, मुझे पूछ रहे थे मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि घबराना नहीं.’

‘स्पीकर ने आज जो अपने संवैधानिक शक्ति का इस्तेमाल कर जो फैसला किया है, उसके बाद मैंने राष्ट्रपति को फैसला सौंप दिया है कि वो विधानसभाओं को भंग करें.’

पहले खबर आई थी कि इमरान खान ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने की शर्त पर विधानसभा भंग करने की पेशकश की है.

खान ने कहा था कि उन्हें “प्रतिष्ठान” द्वारा अविश्वास प्रस्ताव से पहले तीन विकल्प दिए गए थे – इस्तीफा, जल्दी चुनाव कराना या अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना.

द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य प्रतिष्ठान ने हालांकि इस दावे का खंडन किया और कहा कि विपक्ष के विकल्पों को वे लेकर नहीं आए, बल्कि यह सरकार थी जिसने चल रहे राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए एक बैठक के लिए शीर्ष अधिकारियों को फोन किया था.

द न्यूज इंटरनेशनल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक (डीजी) ने बुधवार को सत्तारूढ़ सरकार के अनुरोध पर पाकिस्तान के पीएम से मुलाकात की थी.

विपक्ष को खान को सरकार से बाहर करने के लिए निचले सदन में 342 में से 172 सदस्यों के समर्थन की ज़रूरत है जबकि उन्होंने दावा किया है कि उनके पास 177 सदस्यों को समर्थन है.

संयुक्त विपक्ष ने आठ मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था जिसके बाद मतदान का दिन तय करने को लेकर कई घटनाएं हुईं और तनाव बढ़ा, क्योंकि खान ने दावा किया कि उन्हें विपक्ष के शीर्ष नेताओं के सहयोग से ‘विदेशी साजिश’ के तहत निशाना बनाया जा रहा है.

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों, खासकर युवाओं से शनिवार को अपील की कि वे उनकी सरकार के खिलाफ कथित रूप से रचे गए ‘विदेशी षड्यंत्र’के खिलाफ रविवार को ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन’ करें.


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