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Wednesday, 20 November, 2024
होमविदेशइमरान खान की दुखती रग बना कश्मीर, फिर पहुंचे मुजफ्फराबाद और अलापा राग

इमरान खान की दुखती रग बना कश्मीर, फिर पहुंचे मुजफ्फराबाद और अलापा राग

तहरीक-ए -इंसाफ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और कहा करीब सात दशक से लोगों की आवाज़ नहीं सुनी जा रही है. पाकिस्तान कश्मीर में होने वाले मानवाधिकार के उल्लंघन को नहीं सहेगा.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शुक्रवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुज़फ्फराबाद में थे. इमरान खान यहां कश्मीर के लोगों का समर्थन करने आये थे.पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने कश्मीर का साथ देने और भारत का विरोध करने के लिए अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट्स की झड़ी लगा दी. जज़्बा ऐसा था कि लगातार 2 घंटे के अंतराल में करीब 10 से अधिक ट्वीट-री-ट्ववीट किये गए. पीटीआई ने अपने ट्विटर अकाउंट से #KashmirSolidarityJalsa ट्रेंड करवाया.

भारत सरकार द्वारा 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के निर्णय के बाद से ही पाकिस्तान दुनियाभर से कश्मीर मुद्दे पर दरवाज़ा खटखटा चुका है लेकिन उसे किसी भी देश से समर्थन नहीं मिला. यहां तक की चीन जो हमेशा पाकिस्तान के साथ खड़ा रहता है उसने भी उसका साथ छोड़ दिया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बेचैनी को पूरी दुनिया देख रही है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे पर दुनिया का ध्यान खींचने के लिए कुछ दिन पहले #KashmirHour की घोषणा की थी, जिसमें निर्णय लिया गया था कि हर शुक्रवार को नमाज़ से पहले पाकिस्तान के लोग कश्मीर के लोगों के समर्थन में आधे घंटे खड़े होंगे. 14 अगस्त को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में उन्होंने मुज़्जफराबाद की असेंबली में तहरीर (भाषण) दी. इस तहरीर के ठीक एक महीने बाद शुक्रवार 13 सितंबर को वो फिर वहां पहुंचे है और कश्मीर पर जनभावना उभारने की कोशिश कर रहे हैं.

तहरीक-ए -इंसाफ ने अपने ट्वीट में मोदी को हिटलर का पुनर्जन्म बताया और उन्हें एक नया तमगा भी दिया. MODI : A Rebirth of Hitler!

ट्वीट में लिखा है, ‘करीब महीनों से लगे कर्फ्यू , मर्डर और रेप जैसी घटनाओं के बाद भारत की सरकार के खिलाफ खड़े होने की ज़रूरत है.’

‘7 दशकों के अन्याय, दुर्भावना और तमाम अपराध के बाद कश्मीर हिंदुत्ववादियों के लिए बदला लेने का प्रतीक रहा है. फासीवादी मोदी विश्व में शांति के लिए खतरा हैं. इस बुराई को रोकने के लिए मानव जाति को आगे आने की जरूरत है, अन्यथा विश्व को खतरनाक परिणामों का सामना करना पड़ेगा.

तहरीक-ए -इंसाफ ने सोशल मीडिया में लिखा, ‘करीब सात दशक से कश्मीर के लोगों की आवाज़ नहीं सुनी जा रही है. पाकिस्तान कश्मीर में होने वाले मानवाधिकार के उल्लंघन को नहीं सहेगा. पाकिस्तान कश्मीर के लोगों की मदद के लिए भरसक हर प्रयास करेगा.’

‘कश्मीर में हज़ारों निर्दोष लोगों ने जान ली गयी, परिवार तबाह हो गए, बच्चे अनाथ हो गए और विधवाओं की मौत हो गई है. पाकिस्तान कश्मीर में मोदी द्वारा किये जा रहे अमानवीय बर्ताव के खिलाफ खड़ा है.’

‘हम कश्मीर के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे और दुनिया को यह एहसास दिलाएंगे कि भारत एक क्रूर राज्य है और भारत के परमाणु हथियार एक चरमपंथी विचारधारा के हाथों में हैं और मोदी के शासन के दौरान मानवीय क्रूरता चरम पर है.’

वहीं इमरान सरकार की आधिकारिक ट्विटर हैंडल से युद्ध को आखिरी रास्ता बताते हुए लिखा है, ‘मानवाधिकार संगठन और विश्व कानून संगठन के लोगों को कश्मीर में शांति बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए अन्यथा लड़ाई अंतिम रास्ता है.’

‘मोदी का हिंदुत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नस्ली सफाई करने के लिए मोदी का समर्थन किया, जिसमें निर्दोष लोगों की हत्या, महिलाओं से बलात्कार और ब्लैकआउट शामिल है.’

आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. मोदी सरकार ने 5 अगस्त को अचानक लिए फैसले में जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग राज्य बना दिया गया. कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है. लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. भारतीय सरकार को पाकिस्तान ने कई विदेशी मंच पर घेरने का प्रयास किया गया. लेकिन विश्व पटल पर पाकिस्तान को मात खानी पड़ी. ज्यादातर देशों ने कश्मीर को द्विपक्षीय मामला बताया और कहा कि इसे दोनों देश आपस में सुलझाएं. अब जब दुनियाभर से पाकिस्तान को कोई समर्थन नहीं मिल रहा है तो इमरान खान अब पाक अधिकृत कश्मीर बार-बार पहुंचकर नया दांव चल रहे हैं.

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