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Sunday, 17 November, 2024
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पाकिस्तान ने करीब 20 भारतीय मछुआरों को भारत को सौंपा

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लाहौर/अटारी 24 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान ने देश के जलक्षेत्र में कथित रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 20 भारतीय मछुआरों को सोमवार को वाघा बॉर्डर के जरिए भारत को सौंपा। एक वरिष्ठ कारागार अधिकारी ने यह जानकारी दी।

कराची के लांधी जेल में रखे गए मछुआरों को सजा पूरी होने के बाद रविवार को रिहा कर दिया गया।

पाकिस्तान की गैर लाभकारी समाज कल्याण संगठन ईधी फाउंडेशन ने कहा कि मछुआरों को सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सोमवार शाम को भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंपा गया।

ईधी फाउंडेशन के प्रवक्ता मुहम्मद युनिस ने ‘‘पीटीआई-भाषा’को बताया, ‘‘रविवार को 20 मछुआरों को जिला कारागार और मलीर स्थित सुधार गृह से रिहा किया गया और सोमवार को वाघा बॉर्डर लाया गया। वहां उन्हें शाम को सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बीएसएफ के सुपुर्द कर दिया गया।’’

सभी मछुआरें इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी ‘‘आपात यात्रा प्रमाणपत्र’’ के आधार पर भारत में दाखिल हुए।

भारत में अधिकारियों ने बताया कि जैसे मछुआरे अपने देश में दाखिल हुए उन्होंने घुटने के बल झुक कर जमीन को छूमा। उन्होंने बताया कि सभी मछुआरों की कोविड-19 सहित अन्य चिकित्सा जांच की गई।

अधिकारियों ने बताया कि मछुआरे सोमवार रात अमृतसर में ही रहेंगे और मंगलवार को वे गुजरात स्थित अपने-अपने पैतृक गांव रवाना होंगे।

इन मछुआरों को पाकिस्तानी जलक्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने और बिना अनुमति मछलियां पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें सामाज कल्याण के लिए काम करने वाले संगठन ‘ईधी फाउंडेशन’ ने सड़क मार्ग से लाहौर तक पहुंचाया।

ईधी फाउंडेशन ने सदभावना स्वरूप प्रत्येक मछुआरे को पांच-पांच हजार पाकिस्तनी रुपये दिए।

अवैध तरीके से पाकिस्तान में दाखिल होने के आरोप में मछुआरे तीन से पांच साल तक कैद में रहे। उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं पता कि कैसे उनकी नौका पाकिस्तानी जल सीमा में दाखिल हो गई।

पाकिस्तान द्वारा रिहा किए गए 20 मछुआरों में शामिल और सबसे अधिक पांच साल की सजा काट कर लौटे सुनील लाल ने बताया, ‘‘अंधेरी रात थी और हमें लगा कि हम भारत की सीमा में ही हैं तभी पाकिस्तानी तटरक्षक बड़ी सफेद नौका में आते दिखाई दिए। उन्होंने हमें गिरफ्तार कर लिया और हमारी नौका जब्त कर ली।’’

उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार से मिलने को लेकर उत्साहित हैं, खासतौर पर दो बेटियों से।

जेल में चार साल तक रहे मछुआरे भावेश भीका ने कहा कि वह जिस नौका पर सवार था, वह रात में बहकर पाकिस्तानी जलक्षेत्र में आ गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि हमने आपकी सीमा का उल्लंघन किया है।’’

‘डॉन’ समाचार पत्र के अनुसार, पुलिस उपाधीक्षक एवं मलीर जेल के अधिकारी अजीम थेबो ने बताया कि सद्भावना के तहत इन 20 भारतीय मछुआरों की रिहाई के बाद इस जेल में अब 568 भारतीय मछुआरे हैं।

पाकिस्तान और भारत समुद्री सीमा के उल्लंघन के कारण एक दूसरे के मछुआरों को नियमित रूप से पकड़ते हैं।

भारत और पाकिस्तान ने इस साल की शुरुआत में कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया था, जिसके अनुसार कम से कम 628 भारतीय कैदी पाकिस्तान में हैं, जिनमें से 577 मछुआरे हैं। भारत ने पाकिस्तान के साथ 355 पाकिस्तानी कैदियों की सूची साझा की थी, जिनमें 73 मछुआरे थे।

गैर सरकारी संगठन ‘पाकिस्तान फिशरमेन फोरम’ ने कहा कि दोनों देशों के बीच अरब सागर के तटीय क्षेत्र में एक स्पष्ट सीमांकन रेखा के अभाव के कारण आधुनिक समय के नौवहन उपकरण नहीं रखने वाले मछुआरे गलती से सीमा पार चले जाते हैं।

भाषा धीरज अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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