scorecardresearch
Thursday, 18 April, 2024
होमविदेशइमरान सरकार में हाफिज़ सईद के संगठन पर अब नहीं होगा प्रतिबंध

इमरान सरकार में हाफिज़ सईद के संगठन पर अब नहीं होगा प्रतिबंध

Text Size:

इमरान खान सरकार ने अध्यादेश की अवधि नहीं बढ़ाई. मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज़ सईद के संगठन अब प्रतिबंधित संगठनों की सूची से बाहर हो गए हैं.

नई दिल्ली: मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज़ सईद के संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों की सूची से अब बाहर आ गए हैं.

मीडिया में आई खबरों के अनुसार राष्ट्रपति के जिस अध्यादेश के तहत उन संगठनों को प्रतिबंधित किया गया था उसकी समयावधि समाप्त हो गई. संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत इनपर प्रतिबंध लगाया गया था.

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने फरवरी में एक 1997 के आतंकवाद निरोधी कानून में फेरबदल करके जेयूडी और एफआईएफ पर प्रतिबंध लगाया था.

विश्लेषकों का कहना है कि इमरान खान सरकार ने चरमपंथियों को खुश रखने के लिए अध्यादेश की समय अवधि समाप्त होने दी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें


यह भी पढ़ें: यदि मोदी कर सकते हैं अहंकारी चीन से बातचीत, तो सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा पर बवाल क्यों?


डॉन समाचार पत्र का कहना है कि सईद के वकील ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बताया कि राष्ट्रपति के अध्यादेश की समय सीमा खत्म हो गई और क्योंकि उसे बढ़ाया ही नहीं गया. याचिकाकर्ता (सईद) ने जिस अध्यादेश के तहत उसके संगठनों पर लगी पाबंदी लगाई गई थी, उसे चुनौती दी थी.

डॉन अखबार का कहना है कि सईद का तर्क था कि जेयूडी की स्थापना उसने 2002 में की थी और प्रतिबंधित संगठन लश्कर ए तैयबा से सभी संबंध तोड़ लिये थे पर भारत फिर भी जेयूडी की छवि खराब करता रहा. सईद ने कहा कि उसे 2009 से 17 तक कैद में रखा गया और ये भारत के दबाव में किया गया.

उसका कहना था कि संयुक्त राष्ट्र का जेयूडी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने उसको वाचलिस्ट में रखा था.

भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई में हुए हमले में 166 लोग मारे गए थे. 2008 के इन हमलों की योजना के लिए भारत सईद को ज़िम्मेदार मानता है जो कि लश्कर ए तैयबा के सहसंस्थापक थे.


यह भी पढ़ें: पाकिस्तान का भविष्य अब प्रधानमंत्री इमरान खान की भारत पॉलिसी पर निर्भर


पाकिस्तान के डिप्टी अटॉरनी जनरल राजा खालिद महमूद खान ने इस बात की पुष्टि की कि इस अध्यादेश की समयावधि समाप्त हो गई है. पर उन्होंने पाकिस्तान के गृह मंत्रालय की तरफ से कोई वक्तव्य देने से इंकार कर दिया.

अखबार का कहना है कि जज ने कहा कि अगर सरकार फिर अध्यादेश लाती है तो याचिकाकर्ता सईद फिर से उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर कर सकता है.

पाकिस्तान की ‘टेरर वाच लिस्ट’ में, जिसे 5 सितंबर को देश की आतंकवाद निरोधक अथॉरिटी की वेबसाइट पर लगाया गया, 66 संगठनों का नाम है, जिनमें पाकिस्तान में प्रतिबंध है, पर हाफिज़ सईद की जेयूडी और एफआईअफ शामिल नहीं है.

share & View comments