नई दिल्ली: फूलों के गुलदस्ते और गुलाब की मालाओं के साथ पाकिस्तान ने बुधवार को अफगानिस्तान से आए कुछ आगंतुकों का स्वागत किया. नहीं, ये तालिबान नहीं है. ये आगंतुक हैं अफगानिस्तान की जूनियर महिला फुटबॉल खिलाड़ी जो करीब तीन हफ्ते पहले देश छोड़ने के अपने आखिरी असफल प्रयास के बाद से तालिबान से छुपी हुई थीं. अब वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ पाकिस्तान पहुंच गयी हैं. वहीं कुछ पाकिस्तानी सोच रहे हैं कि क्या वे अब पाकिस्तानी झंडे के तले खेलेंगी.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद हुसैन ने महिला अफगान खिलाड़ियों के आगमन की पुष्टि की. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘हम अफगानिस्तान महिला फुटबॉल टीम का स्वागत करते हैं जो अफगानिस्तान से तोरखम सीमा पर पहुंचीं. खिलाड़ियों के पास वैध अफगानिस्तान पासपोर्ट, पाक वीजा था.’
We welcome Afghanistan Women football team they arrived at Torkham Border from Afghanistan,The players were in possession of valid Afg Passport, pak visa, They were received by Nouman Nadeem of PFF
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) September 14, 2021
पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने 32 खिलाड़ियों को निकालने के लिए आपातकालीन वीजा जारी किया था. ये वही खिलाडी हैं जिन्हे तालिबान से धमकियां मिल रही थीं. सीनियर खिलाड़ी 24 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होने में सफल रहे थे लेकिन जूनियर सदस्य दस्तावेज़ न होने के कारण नहीं जा सके.
इस बीच, महिला क्रिकेटर्स अभी भी काबुल में छुपी हुई हैं और उन्हें जल्द ही बाहर निकालने की उम्मीद है.
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तालिबान की धमकी
तालिबान की वापसी ने कलाकारों, खिलाड़ियों- विशेषकर महिला एथलीटों और पत्रकारों की स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है.
तालिबान के एक प्रवक्ता ने पहले कहा था कि उनकी सल्तनत में महिलाओं को कोई भी खेल खेलने से मनाही है.
अफगानिस्तान महिला फुटबॉल टीम की पूर्व कप्तान खालिदा पोपल ने खिलाड़ियों से अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को हटाने, अपनी सार्वजनिक पहचान मिटाने और अपनी किट जला देने का आग्रह किया था.
अगस्त में द गार्जियन को दिए एक साक्षात्कार में, पोपल ने अपनी निराशा व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था, ‘सीने पर उस बैज को अर्जित करने के लिए, खेलने का अधिकार पाने और हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए, हमें खुद पर कितना गर्व था.’
24 अगस्त को, 77 अफगान एथलीट काबुल छोड़ ऑस्ट्रेलिया निकल गए. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल खिलाड़ी क्रेग फोस्टर और मानवाधिकार वकील और पूर्व ओलंपियन निक्की ड्राइडन ने इसमें खिलाडियों की सहायता की.
फोस्टर ने एक साक्षात्कार में कहा था, ‘हम सभी महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता के मुद्दों को गंभीरता से महसूस करते हैं. हम लंबे समय से यहां ऑस्ट्रेलिया में खेल में काम कर रहे हैं और बहादुर, साहसी, महिला फुटबॉलर और पैरालिंपियन, जो सिर्फ अपने खेलने के अधिकार का प्रयोग करने के लिए खतरे में हैं, ये गलत था.’
फोस्टर ने महिला फुटबॉलरों के ऑस्ट्रेलियाई सरकार को धन्यवाद के तौर पर दिए सुंदर पत्र और कुछ हाथ से खींची बनायीं हुई तस्वीरों को भी साझा किया था.
The Afghan Women’s National Football Team, safely in quarantine on Australian soil, wanted to send a heartfelt message of thanks to the Aust Government & people, all who helped them escape Kabul.
And some beautiful images of love & a shared future.
Welcome to your new home ? pic.twitter.com/zB2rWthPen
— Craig Foster (@Craig_Foster) September 4, 2021
महिला फुटबॉलरों को अफगानिस्तान छोड़ने में मदद करने के इस प्रयास के पीछे ब्रिटेन स्थित एनजीओ फुटबॉल फॉर पीस का हाथ था.
अगस्त में, फीफा ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलरों के महासंघ फिफ्प्रो के साथ मिल कर दुनिया भर की सरकारों को अफगान खिलाड़ियों को सहायता प्रदान करने के लिए लिखा था.
लोगों की प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी नागरिकों ने तालिबान शासन से अफगान खिलाड़ियों की मदद करने के कदम का स्वागत किया है. कुछ ने सोचा कि क्या खिलाड़ी अब पाकिस्तान के झंडे तले खेलेंगे.
I want to know if they're going to play under our flag now? bcs that's how foreign countries do https://t.co/ozxYVCZXSu
— Haris (@haris_ahmed8) September 15, 2021
Give them a base to play – please do look after them! https://t.co/txOf5NeDMW
— Ahsan Ellahi (@ahsan_ellahi11) September 15, 2021
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी फिल्म निर्माता सिन्थिआ रिची ने भी युवा फुटबॉलरों का स्वागत किया.
Warm welcome to Pakistan.
— Cynthia Ritchie ✍? (@CynthiaDRitchie) September 14, 2021
एक पत्रकार ने इसे पाकिस्तान सरकार द्वारा ‘बहुत उदार कदम’ बताया.
कई लोगों ने खालिदा पोपोल की खिलाड़ियों को निकालने में उनके प्रयासों की सराहना भी की.
I am immensly proud of @khalida_popal Many talk but she took action. #AfghanWomen #Femalefootballers https://t.co/ykoLbpGBAM
— msvee1304 (she/her) (@MsVee1304) September 15, 2021
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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